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Google Update: Chrome और Gemini इंटीग्रेशन से खतरे में आपकी प्राइवेसी, जानें पूरा मामला!

Google ने Chrome में Gemini का सबसे बड़ा अपडेट जारी किया है, लेकिन Surfshark रिपोर्ट के अनुसार यह आपकी प्राइवेसी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. जानें कैसे आपका नाम, लोकेशन, ब्राउजिंग हिस्ट्री और शॉपिंग डिटेल तक कलेक्ट हो रही है.

👤 Samachaar Desk 30 Sep 2025 01:56 PM

टेक्नोलॉजी के नए दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) लगातार हमारी डिजिटल लाइफ का हिस्सा बनती जा रही है. गूगल ने हाल ही में अपने ब्राउजर Chrome में Gemini को जोड़ने का ऐलान किया है, जिसे कंपनी ने अब तक का सबसे बड़ा अपग्रेड बताया है. लेकिन साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों और Surfshark की रिपोर्ट के अनुसार यह अपग्रेड यूज़र्स की प्राइवेसी के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.

कितना डेटा हो रहा है कलेक्ट?

रिपोर्ट के अनुसार, Chrome और Gemini मिलकर यूज़र्स से करीब 24 तरह का डेटा इकट्ठा कर रहे हैं. इसमें नाम, लोकेशन, डिवाइस आईडी, ब्राउजिंग और सर्च हिस्ट्री, प्रोडक्ट इंटरैक्शन और यहां तक कि आपकी ऑनलाइन शॉपिंग का रिकॉर्ड भी शामिल है. यह डेटा कलेक्शन किसी भी अन्य AI ब्राउज़र से कहीं ज्यादा है.

दूसरे ब्राउजरों की तुलना

जहां Microsoft Edge और Copilot मिलकर केवल आधा डेटा ट्रैक करते हैं, वहीं Brave, Opera और Perplexity जैसे ब्राउज़र बहुत ही कम जानकारी इकट्ठा करते हैं. यही कारण है कि Surfshark ने Chrome यूज़र्स को चेतावनी दी है कि Gemini के साथ उनकी प्राइवेसी लगभग खत्म हो जाती है.

एक्सटेंशन और थर्ड-पार्टी का खतरा

सिर्फ Chrome ही नहीं, बल्कि Edge और Firefox जैसे ब्राउज़र भी AI एक्सटेंशन (जैसे ChatGPT) सपोर्ट करते हैं. लेकिन कई बार आधिकारिक स्टोर से डाउनलोड किए गए एक्सटेंशन भी डेटा चोरी में पकड़े गए हैं. यानी थर्ड-पार्टी टूल्स का इस्तेमाल आपकी जानकारी को और ज्यादा असुरक्षित बना सकता है.

Google का दावा और सच्चाई

गूगल का कहना है कि “Gemini in Chrome तभी एक्टिव होता है जब आप इसे खुद इस्तेमाल करें.” लेकिन हकीकत यह है कि एक बार फीचर ऑन करते ही आपका डेटा गूगल के सर्वर तक पहुंचना शुरू हो जाता है. रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि कंपनी जल्द ही अपने पॉपुलर इमेज एडिटिंग टूल Nano Banana को Google Photos में शामिल कर सकती है. साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि हर अपलोड फोटो में आपके चेहरे की बायोमेट्रिक डिटेल, GPS लोकेशन और डिवाइस इंफो जैसी संवेदनशील जानकारी मौजूद रहती है.

Apple का कदम

Apple ने iOS 26 में Safari ब्राउज़र पर डिफॉल्ट एंटी-फिंगरप्रिंटिंग टेक्नोलॉजी लागू कर दी है. लेकिन iPhone पर Chrome यूज़ करने वालों को ऐसी कोई सुरक्षा नहीं मिलती. यही वजह है कि Apple ने यूज़र्स को Safari चुनने की सलाह दी है.

डेटा से बचने के उपाय

अगर आप Chrome में Gemini का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कुछ सेटिंग्स बदलकर जोखिम कम कर सकते हैं:

1. Settings > AI innovations > Gemini in Chrome में जाकर इसकी एक्टिविटी चेक करें.

2. Gemini Apps Activity में डेटा सेविंग को 72 घंटे से ज्यादा न होने दें.

3. फोन की सेटिंग में लोकेशन और कैमरा की परमिशन मैन्युअली कंट्रोल करें.

मुफ्त AI टूल्स असल में मुफ्त नहीं होते. उनका बिजनेस मॉडल ही आपका डेटा है. जितना ज्यादा आप Gemini जैसे टूल्स का इस्तेमाल करेंगे, उतना ही ज्यादा आपका संवेदनशील डेटा कंपनियों और प्लेटफॉर्म्स तक पहुंच जाएगा.