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उत्तर प्रदेश में बढ़ा प्रदूषण का कहर, दमघोंटू हवा से बेहाल लोग, ये शहर बना सबसे प्रदूषित!

UP Air Pollution: उत्तर प्रदेश में सर्दी के साथ हवा भी जहरीली हो गई है. गाजियाबाद और मेरठ देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो गए हैं. जानें किन जिलों में बढ़ा प्रदूषण और लोगों के लिए क्या है हेल्थ अलर्ट.

👤 Samachaar Desk 04 Nov 2025 01:00 PM

उत्तर प्रदेश में सर्दी के साथ-साथ हवा भी जहरीली होती जा रही है. दिल्ली से सटे जिले जैसे गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ और मुजफ्फरनगर में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और सुबह-शाम वातावरण में धुंध और कोहरे के साथ धुआं भी नजर आ रहा है.

हवा में जहर घुला, सर्दी ने बढ़ाई मुश्किल

नवंबर की शुरुआत में ही मौसम ने करवट ली है. सुबह और रात में ठंड बढ़ने लगी है, वहीं कई जगहों पर कोहरा भी दिखने लगा है. लेकिन इस बदलते मौसम के साथ प्रदूषण की मार भी बढ़ गई है. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 3-4 दिनों में तापमान में 2 से 4 डिग्री की गिरावट होगी, जिससे प्रदूषण और भी गंभीर हो सकता है.

गाजियाबाद बना प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर

4 नवंबर को गाजियाबाद प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर दर्ज किया गया. लोनी इलाके में AQI (Air Quality Index) 418 पहुंच गया — जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. वसुंधरा में 390, संजय नगर में 360 और इंदिरापुरम में 332 AQI दर्ज किया गया. मेरठ में भी हालात खतरनाक हैं — गंगानगर इलाके का AQI 400, जय भीम नगर का 333 और पल्लवपुरम का 312 रहा. ये सभी आंकड़े ‘बेहद खराब’ श्रेणी में हैं.

इन जिलों की भी हालत खराब

हापुड़ में AQI 372, बागपत में 361, नोएडा सेक्टर 116 में 353, सेक्टर 125 में 340 और ग्रेटर नोएडा में 338 दर्ज किया गया. वाराणसी की हवा भी अब खराब श्रेणी में पहुंच गई है, जहां AQI 235 के करीब है.

लोगों पर असर और एक्सपर्ट की सलाह

दीपावली के बाद जैसे-जैसे ठंड बढ़ी है, हवा में प्रदूषण भी तेजी से बढ़ा है. सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को हो रही है. कई लोगों ने अब सुबह की सैर तक बंद कर दी है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोग जरूरत पड़ने पर ही घर से निकलें, खासकर अस्थमा और एलर्जी के मरीज. बाहर जाते समय N95 जैसे अच्छे मास्क का इस्तेमाल करें और बच्चों को प्रदूषित हवा से बचाकर रखें.