दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (दिल्ली चिड़ियाघर) में अफ्रीकी हाथी शंकर की मौत ने सबको दुखी कर दिया था। अब उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है, जिसमें पता चला है कि शंकर की मौत वायरल संक्रमण के कारण हुई थी। यह संक्रमण हाथी के हृदय (दिल) को प्रभावित कर रहा था, जिससे उसका दिल काम करना बंद कर गया।
चिड़ियाघर के अधिकारियों ने बताया कि हाथी की मौत एन्सेफेलोमायोकार्डिटिस वायरस (EMCV) की वजह से हुई।
यह वायरस दिल की मांसपेशियों में सूजन पैदा करता है और कई बार अचानक दिल की विफलता (कार्डियक फेलियर) का कारण बनता है।
यही वजह थी कि शंकर की हालत बिगड़ने के कोई लक्षण पहले से दिखाई नहीं दिए और उसकी अचानक मौत हो गई।
अफ्रीकी हाथी शंकर की मौत 17 सितंबर को हुई थी। वह अपने बाड़े में मृत अवस्था में पाया गया था। पहले चिड़ियाघर प्रशासन ने बताया था कि हाथी की मौत तीव्र हृदय गति रुकने (Acute Cardiac Arrest) से हुई हो सकती है। लेकिन अब अंतिम रिपोर्ट ने साफ किया है कि असली कारण वायरल संक्रमण था।
मामले की जांच के लिए हाथी के नमूने भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI), बरेली भेजे गए थे। वहीं से आई रिपोर्ट में EMCV वायरस की पुष्टि हुई। दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार ने रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की, लेकिन अधिकारियों ने पुष्टि की है कि वायरस ही मौत का मुख्य कारण था।
यह अफ्रीकी हाथी भारत को जिम्बाब्वे ने वर्ष 1998 में उपहार के रूप में दिया था। इसका नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा के सम्मान में शंकर रखा गया था। वह दिल्ली चिड़ियाघर में एकमात्र अफ्रीकी हाथी था और दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय था।