28 साल की निक्की भाटी को हमेशा उम्मीद थी कि एक दिन उसकी जिंदगी बेहतर होगी। लेकिन 2016 में शादी के बाद से ही उसका जीवन नरक बन गया। ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव के रहने वाले उसके पति विपिन भाटी और उसके परिवार वाले लगातार दहेज की मांग करते रहे। निक्की को लगातार प्रताड़ित किया गया। दुख की बात यह है कि निक्की की बहन की शादी भी इसी परिवार में हुई थी और उसे भी वही तकलीफ झेलनी पड़ी।
निक्की के 6 साल के बेटे ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी मां को जलते हुए देखा। उसने कहा, “पहले मम्मी के ऊपर कुछ डाला, फिर थप्पड़ मारा और फिर लाइटर से आग लगा दी।” इस वारदात के बाद निक्की को पीटा गया, घसीटा गया और आग में झोंक दिया गया। उसे दिल्ली के एक अस्पताल ले जाया गया लेकिन कुछ ही घंटों में उसकी मौत हो गई।
हमले के समय निक्की की बहन कंचन ने आंशिक रूप से वीडियो रिकॉर्ड कर लिया था, जिसमें साफ़ दिखाई देता है कि निक्की के साथ बर्बरता की जा रही है।
वारदात के बाद पति विपिन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर इसे आत्महत्या साबित करने की कोशिश की। पुलिस ने शनिवार को उसे गिरफ्तार किया, लेकिन रविवार को वह पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश करने लगा। इसी दौरान मुठभेड़ में उसके पैर में गोली लगी और अब वह अस्पताल में है। अस्पताल के बेड से भी वह कहता रहा कि यह आत्महत्या है और पति-पत्नी के बीच झगड़े आम बात हैं। उसने साफ कहा, “मुझे कोई पछतावा नहीं है, क्योंकि मैंने कुछ नहीं किया। वह खुद मर गई।”
निक्की के परिवार का कहना है कि उन्होंने पहले भी शिकायत की थी, लेकिन हर बार समझौता करके निक्की को ससुराल भेज दिया गया। परिवार ने दहेज में पहले ही कार, बाइक और सोना दिया था, लेकिन विपिन और उसका परिवार और ज्यादा चाहता था। निक्की की माँ ने कहा कि बेटी हमेशा कहती थी, “अच्छे दिन आएंगे।” लेकिन उसकी उम्मीदें अधूरी रह गईं।
निक्की के पिता ने कहा, “वह इंसान नहीं, राक्षस है।” परिवार और गांव वाले चाहते हैं कि विपिन को सख्त से सख्त सजा मिले। कुछ लोग तो कह रहे हैं कि उसका घर गिरा देना चाहिए और मुठभेड़ में उसका अंत होना चाहिए।
पुलिस ने हत्या, आपराधिक साजिश और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। अभी तक विपिन की माँ दया, पिता सत्यवीर और भाई रोहित की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।