पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री और शिअद (SAD) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ चल रही जांच में एक नया घटनाक्रम सामने आया है। विशेष जांच दल (SIT) ने नाभा जेल जाकर उनसे गायब भूमि रिकॉर्ड के मामले में पूछताछ की।
जानकारी के अनुसार, एसआईटी टीम का नेतृत्व पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) वरुण शर्मा ने किया। टीम ने करीब ढाई घंटे तक मजीठिया से सवाल-जवाब किए। यह पूछताछ अदालत के आदेश पर हुई, क्योंकि इस मामले से जुड़ी एफआईआर 2022 में दर्ज हुई थी (FIR नंबर-2)। पूछताछ शुरू करने से पहले एसआईटी ने न्यायालय से अनुमति भी ली थी।
एसआईटी टीम में एसएसपी वरुण शर्मा के साथ एसपी (जांच) गुरबंस सिंह भी मौजूद थे। दोनों अधिकारियों ने गायब राजस्व रिकॉर्ड से जुड़ी जांच को आगे बढ़ाया।
बता दें कि मजीठिया पहले से ही भ्रष्टाचार से जुड़े एक अन्य मामले में जेल में बंद हैं। उन्हें हाल ही में 25 जून को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अमृतसर स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले भी उनका नाम कई बड़े मामलों में सामने आ चुका है।
दिसंबर 2021 में, चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के दौरान मजीठिया पर एनडीपीएस (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। उस समय उन्हें गिरफ्तार किया गया और पटियाला जेल में पांच महीने से ज्यादा समय बिताने के बाद, अगस्त 2022 में हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर रिहाई मिली थी।
हाल ही में पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में एक बड़ा आरोपपत्र (चार्जशीट) मोहाली की अदालत में पेश किया है। यह आरोपपत्र लगभग 40,000 पन्नों का है।
18 अगस्त को मोहाली की अदालत ने मजीठिया की जमानत याचिका खारिज कर दी और उनकी न्यायिक हिरासत को 28 अगस्त तक बढ़ा दिया।
इस तरह से लगातार नए-नए मामले उनके खिलाफ सामने आ रहे हैं और जांच एजेंसियां उनसे जुड़े आरोपों की गहराई से पड़ताल कर रही हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं।