पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि सिंधु जल संधि को भारत सरकार द्वारा निलंबित किए जाने का फायदा पंजाब को अपनी पानी की जरूरतें पूरी करने के लिए उठाना चाहिए। उन्होंने ये बात हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ हुई एक बैठक में कही, जो सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर विवाद को लेकर थी।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता अब निलंबित हो गया है, जिससे भारत अब सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी का ज्यादा इस्तेमाल कर सकता है। ऐसे में पंजाब, जो आजकल भूजल की भारी कमी से जूझ रहा है, को इस नए अवसर का फायदा मिलना चाहिए।
नए नहर प्रोजेक्ट का सुझाव
भगवंत मान ने कहा कि अब एसवाईएल नहर के बजाय यमुना-सतलुज लिंक (वाईएसएल) नहर पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि "हरियाणा और पंजाब भाई-भाई हैं। अब इस झगड़े को खत्म कर देना चाहिए। अगर कश्मीर से नहर आती है, तो हमें 23 मेगावाट पानी मिलेगा, जबकि अभी दोनों राज्य सिर्फ 2 मेगावाट के लिए झगड़ते हैं।"
पानी के विवाद का इतिहास
1981 में पंजाब और हरियाणा के बीच जल समझौता हुआ था, जिसमें सतलुज और यमुना नदियों का पानी बांटने की बात हुई थी।
एसवाईएल नहर योजना के तहत 214 किमी नहर बननी थी — जिसमें 122 किमी पंजाब और 92 किमी हरियाणा में बननी थी।
2004 में पंजाब सरकार ने इस समझौते को रद्द करने के लिए "पंजाब समझौता समाप्ति कानून" पास किया।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब से कहा कि वो अपनी जिम्मेदारी निभाए और हरियाणा को पानी दे।
वर्तमान स्थिति
भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के पास अब देने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है।
उन्होंने कहा कि राज्य के कई इलाकों का भूजल खत्म होने की कगार पर है।
उन्होंने यह भी कहा कि एसवाईएल नहर अब एक संवेदनशील और भावनात्मक मुद्दा बन गया है और अगर इसे बनाया गया, तो पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।
बैठक का माहौल और भविष्य की योजना
दोनों मुख्यमंत्रियों की बैठक शांत और सकारात्मक माहौल में हुई।
दोनों नेताओं ने उम्मीद जताई कि विवाद जल्द सुलझ जाएगा। अगली बैठक 5 अगस्त को होगी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
भूपेंद्र सिंह हुड्डा (पूर्व मुख्यमंत्री, हरियाणा) ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि हरियाणा को अब तक पानी नहीं मिला क्योंकि भाजपा सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि केंद्र को अदालत के फैसले का पालन करवाने के लिए सीधा कदम उठाना चाहिए।
अर्जुन चौटाला (INLD विधायक) ने भगवंत मान पर आरोप लगाया कि वे इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पानी पर पूरे देश का अधिकार है, और एसवाईएल नहर हरियाणा की जीवन रेखा है, इसलिए हरियाणा को उसका पानी मिलना ही चाहिए।