Punjab News: पंजाब राज्य मिड-डे मील सोसाइटी ने राज्य भर के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील योजना की निगरानी के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं. विभाग ने साफ किया है कि किसी भी कारण से बच्चों का भोजन रुकना स्वीकार्य नहीं है. यदि किसी स्कूल में छात्रों को भोजन नहीं दिया जाता है, तो स्कूल प्रबंधन को उसका उचित कारण स्पष्ट करना अनिवार्य होगा.
सोसाइटी ने MDM SMS मॉड्यूल में "Other" ऑप्शन को एक्टिव कर दिया है. इससे पहले जानकारी अधूरी रहने की समस्या रहती थी. अब अगर किसी स्कूल में "Food Not Served" का ऑप्शन चुना जाता है, तो स्कूल को टेक्स्ट बॉक्स में ये बताना होगा कि भोजन क्यों नहीं बनाया गया. विभाग ने इस प्रक्रिया को और कड़ा कर दिया है.
भले ही भोजन नहीं बनने का कारण धन की कमी, राशन की अनुपलब्धता या गैस सिलेंडर की समस्या हो, हर कारण को दस्तावेजी रूप में सत्यापित करना जरूरी होगा. ये कदम इसलिए उठाया गया है ताकि बच्चों तक नियमित और गुणवत्ता वाला भोजन पहुंचे और किसी भी तरह की लापरवाही को रोका जा सके.
सोसाइटी ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे स्कूलों में दर्ज किए गए कारणों की जांच करें. यदि किसी स्कूल ने गलत या अप्रमाणिक जानकारी दी, तो उससे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. विभाग का उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि हर बच्चे को नियमित मिड-डे मील मिले और योजना की रिपोर्टिंग में पारदर्शिता बनी रहे.
ये कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब शिक्षा विभाग सर्दियों की छुट्टियों से पहले परीक्षा की तैयारी और अन्य गतिविधियों में व्यस्त है. बावजूद इसके, विभाग ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया है कि स्कूल जाने वाले हर बच्चे को समय पर भोजन मिले.
पंजाब में मिड-डे मील योजना की सख्त निगरानी से ये स्पष्ट संदेश गया है कि बच्चों का पोषण प्राथमिकता है. स्कूल प्रबंधन और जिला अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ गई है, और अब किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है. इसका उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित, नियमित और गुणवत्ता वाला भोजन उपलब्ध कराना है.