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पंजाब में शगुन योजना आसान: शादी और प्रसव लाभ की बड़ी शर्तें खत्म

पंजाब सरकार ने श्रमिक वर्ग के लिए ‘शगुन योजना’ और अन्य कल्याणकारी योजनाओं में अहम बदलाव किए हैं। अब शादी के लिए तहसीलदार द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी

👤 Saurabh 13 Aug 2025 05:25 PM

पंजाब सरकार ने श्रमिक वर्ग के लिए अच्छी खबर दी है। राज्य के श्रम मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि कई कल्याणकारी योजनाओं को आसान बना दिया गया है, ताकि मज़दूरों को उनका लाभ जल्दी और आसानी से मिल सके।

सबसे बड़ा बदलाव शगुन योजना में किया गया है। पहले इस योजना के तहत शादी का फायदा लेने के लिए तहसीलदार द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र जरूरी था। अब यह शर्त हटा दी गई है। अब सिर्फ शादी की तस्वीर (जो किसी धार्मिक स्थल पर हुई हो) और दोनों परिवारों का एक स्व-घोषणा पत्र जमा करना होगा। इस योजना के तहत सरकार शादी पर 51,000 रुपये की आर्थिक मदद देती है।

इसी तरह, प्रसव लाभ पाने के लिए पहले बच्चे का आधार कार्ड लाना जरूरी था, लेकिन अब यह शर्त भी खत्म कर दी गई है। अब सिर्फ जन्म प्रमाण पत्र जमा करने पर महिला निर्माण श्रमिक को 21,000 रुपये और पुरुष श्रमिक को 5,000 रुपये की मदद मिलेगी।

शगुन योजना का लाभ लेने के लिए पंजीकृत विवाह प्रमाण पत्र की अनिवार्यता भी हटा दी गई है। अगर शादी धार्मिक स्थल पर हुई है और धार्मिक नेता ने कराई है, तो उनकी दी हुई तस्वीरें और आवश्यक दस्तावेज देकर भी फायदा लिया जा सकता है।

इसके अलावा, बच्चों के लिए वजीफा योजना में भी बदलाव हुआ है। पहले मजदूर को इस योजना का लाभ लेने के लिए कम से कम दो साल तक योगदान देना जरूरी था। अब मजदूर अपने योगदान की शुरुआत के दिन से ही फायदा उठा सकते हैं।

श्रम मंत्री ने कहा कि 90 दिन से ज्यादा काम कर चुके मनरेगा मजदूरों को भी सभी लाभ दिलाने के लिए बिल्डिंग और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फरवरी 2025 में हुई 55वीं बैठक में इन योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए 1 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है।

सीधे शब्दों में कहें तो पंजाब सरकार ने नियमों को आसान बनाकर श्रमिकों को योजनाओं का लाभ पाने में होने वाली परेशानी को काफी हद तक खत्म कर दिया है।