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पंजाब की राजनीति में बड़ा शोक! पूर्व मंत्री हरमैल सिंह तोड़ा का 77 वर्ष की उम्र में निधन

पूर्व पंजाब मंत्री हरमैल सिंह तोड़ा का लंबी बीमारी के बाद निधन, 77 वर्ष की उम्र में हुई मौत. जानें उनके राजनीतिक सफर, अकाली दल और AAP में योगदान और अंतिम संस्कार की जानकारी.

👤 Samachaar Desk 22 Sep 2025 02:03 PM

पूर्व पंजाब मंत्री हरमैल सिंह तोड़ा का रविवार शाम मोहाली के एक निजी अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वे 77 वर्ष के थे. पंजाब की राजनीति में उनके योगदान और सक्रिय भूमिका के कारण उनकी मौत ने राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ा दी है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि और परिवार

हरमैल सिंह तोड़ा, अकाली नेता स्व. गुरचरण सिंह तोड़ा के दामाद थे. अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने भी राज्य राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई. उनके परिवार और राजनीतिक जीवन का गहरा जुड़ाव पंजाब की राजनीति में हमेशा याद रखा जाएगा.

राजनीतिक करियर

तोड़ा ने 1997 में डकाला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर पंजाब विधानसभा में प्रवेश किया और अकाली सरकार में सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री बने. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने अवसंरचना और लोक कल्याण परियोजनाओं में कई महत्वपूर्ण पहलें कीं, जिससे उन्हें जनता और राजनीति में सम्मान मिला.

पार्टी और सदस्यता परिवर्तन

2016 में हरमैल सिंह तोड़ा आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हुए, जिससे उनकी नई राजनीतिक दिशा और जनता के साथ संवाद को दर्शाया गया. लेकिन 2019 में उन्होंने शिरोमणि अकाली दल में वापसी की और अपनी मूल पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.

अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि

हरमैल सिंह तोड़ा का अंतिम संस्कार 23 सितंबर को उनके पैतृक गांव तोड़ा में किया जाएगा. उनके निधन पर पंजाब के कई वरिष्ठ नेताओं और राजनीतिक व्यक्तियों ने शोक व्यक्त किया और उनके योगदान को याद किया.

हरमैल सिंह तोड़ा की यादें

अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने हमेशा अपने निर्वाचन क्षेत्र और जनता की भलाई को प्राथमिकता दी. विधायक और मंत्री के रूप में उनकी सेवाएँ अवसंरचना विकास और प्रशासनिक सुधारों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण रही हैं. उनके योगदान और कार्यों को पंजाब की राजनीति में लंबे समय तक याद रखा जाएगा.

हरमैल सिंह तोड़ा का निधन पंजाब की राजनीतिक परंपरा और सेवा भाव के लिए एक बड़ा क्षति है. उनकी विरासत, विशेषकर PWD मंत्री के रूप में उनके योगदान और राजनीतिक सक्रियता, हमेशा याद रखी जाएगी.