पंजाब के बिजली कर्मचारियों और पेंशन पाने वालों ने अपनी मांगों को लेकर 11 से 13 अगस्त तक सामूहिक छुट्टी लेकर काम बंद करने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि इन तीन दिनों तक बिजली विभाग के कामकाज पर असर पड़ सकता है। यह फैसला तब लिया गया जब कर्मचारियों और पावरकॉम (बिजली विभाग) के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद कोई समाधान नहीं निकल पाया।
बैठक रही बेनतीजा
बिजली कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की यूनियन ने हाल ही में ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. और पावरकॉम प्रबंधन के साथ लंबी बैठक की, लेकिन उनकी मांगों पर सहमति नहीं बन पाई। इससे नाराज़ होकर पी.एस.ई.बी. इम्प्लॉईज जॉइंट फोरम और बिजली कर्मचारी एकता मंच ने हड़ताल की घोषणा कर दी। यूनियन नेताओं ने साफ कर दिया है कि इन तीन दिनों तक सभी पावरकॉम कार्यालयों के बाहर धरने और प्रदर्शन होंगे।
बिजली कर्मचारियों और पेंशनधारकों की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
13% महंगाई भत्ते का बकाया पैसा जल्द से जल्द दिया जाए
पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू किया जाए
वेतन और पेंशन में की गई ग़लतियों को ठीक किया जाए
50,000 से ज़्यादा खाली पदों को खत्म करने की योजना का विरोध किया गया
ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिवारों को ज्यादा मुआवज़ा दिया जाए
कर्मचारियों को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाए
यूनियन के नेताओं ने बताया कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे 15 अगस्त को भी पावरकॉम दफ्तरों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी जिलों में यूनियन बैठकें हो रही हैं। बलदेव सिंह लालपुर, रमन कुमार और कुलवीर कुमार जैसे कई प्रमुख नेता आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं।