पंजाब के खन्ना सिविल अस्पताल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर की लापरवाही ने एक नवजात बच्ची की जान ले ली. गर्भवती महिला को इलाज की सख्त जरूरत थी, लेकिन मौके पर डॉक्टर मौजूद नहीं थीं. फोन करने पर भी डॉक्टर ने अस्पताल लौटने से इनकार कर दिया, जिससे समय रहते ऑपरेशन नहीं हो सका और बच्ची ने दम तोड़ दिया.
इस गंभीर मामले की जानकारी मिलते ही पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह खुद मौके पर पहुंचे और अस्पताल की स्थिति का जायजा लिया। मौके पर ही लापरवाह डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया. स्वास्थ्य मंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि यह सिर्फ एक गलती नहीं, बल्कि गंभीर अपराध है, जिससे भविष्य में उदाहरणात्मक सजा दी जाएगी.
घटना के अनुसार, खन्ना सिविल अस्पताल में एक गर्भवती महिला को गंभीर स्थिति में लाया गया था। महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. कविता शर्मा उस समय ड्यूटी पर थीं, लेकिन बिना सूचना के अस्पताल छोड़कर चली गईं. जब इमरजेंसी की स्थिति बनी तो वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (SMO) ने उन्हें फोन कर बुलाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने आने से मना कर दिया.
डॉक्टर की गैरमौजूदगी में SMO ने स्थिति को संभाला और मां की जान बचाने के लिए खुद ऑपरेशन किया. हालांकि, समय पर इलाज न मिलने के कारण नवजात बच्ची की मौत हो गई. यह घटना अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है और सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की संवेदनहीनता पर सवाल उठाती है.
जैसे ही यह मामला पंजाब सरकार के संज्ञान में आया, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह तत्काल अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि डॉक्टर कविता शर्मा के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें मिल चुकी थीं और उन्हें कई बार चेतावनी दी गई थी. लेकिन इस बार की लापरवाही को माफ नहीं किया जा सकता. मंत्री ने मौके पर ही डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया और बताया कि आगे डॉक्टर का लाइसेंस रद्द करने व केस दर्ज करने पर भी विचार हो रहा है.
डॉ. बलबीर सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि इस तरह की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा, 'यह केवल एक डॉक्टर की लापरवाही नहीं, बल्कि एक जिंदगी का नुकसान है. हम इसे एक उदाहरण के रूप में लेंगे ताकि भविष्य में कोई डॉक्टर ऐसी गैरजिम्मेदारी न दिखाए. उन्होंने तीन सदस्यीय जांच कमेटी से रिपोर्ट मिलने के बाद यह कार्रवाई की और संकेत दिए कि मामले में कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.