अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका को लेकर चल रही कानूनी प्रक्रिया एक बार फिर चर्चा में है। सोमवार को मोहाली की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई, लेकिन किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए नई तारीख तय की है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 7 अगस्त को दोपहर के समय होगी।
इससे पहले मजीठिया की ज़मानत याचिका पर कुल 6 बार सुनवाई हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। अदालत हर बार अलग-अलग कानूनी बिंदुओं पर बहस सुन रही है और मामले की गंभीरता को देखते हुए हर पहलू का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है।
गौरतलब है कि मजीठिया को नशीले पदार्थों से जुड़े एक गंभीर मामले में गिरफ्तार किया गया था, और वे लंबे समय से न्यायिक हिरासत में हैं। उनकी ओर से पेश किए गए वकीलों ने अदालत में दलील दी कि उन्हें जमानत दी जाए, क्योंकि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं और मामले की जांच भी काफी समय से चल रही है।
वहीं, अभियोजन पक्ष का कहना है कि बिक्रम मजीठिया जैसे प्रभावशाली व्यक्ति को जमानत देना जांच और न्याय प्रक्रिया पर असर डाल सकता है, इसलिए उनकी ज़मानत अर्जी खारिज की जाए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
इसके अलावा, मजीठिया की ओर से जेल में बैरक बदलने के लिए भी एक अलग अर्जी दी गई थी, जिस पर 12 अगस्त को सुनवाई होगी।
कुल मिलाकर, मजीठिया की जमानत याचिका पर अदालत की ओर से अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं आया है, और आगामी सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।