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पंजाबियों के लिए तोहफा! कनाडा ने खोल दिए दरवाज़े- अब होगा सीधा फायदा

पंजाब समेत भारत के हजारों परिवारों को एक बार फिर अपने बुजुर्गों को कनाडा बुलाने का सुनहरा अवसर मिलने जा रहा है. कनाडा सरकार ने “पैरेंट्स एंड ग्रैंडपेरेंट्स स्पॉन्सरशिप प्रोग्राम” (PGP) को दोबारा शुरू करने का ऐलान किया है. यह प्रोग्राम पिछले कुछ समय से स्थगित था, जिससे कई परिवारों की उम्मीदें अधूरी रह गई थीं.

👤 Golu Dwivedi 30 Jul 2025 01:55 PM

पंजाब समेत भारत के हजारों परिवारों को एक बार फिर अपने बुजुर्गों को कनाडा बुलाने का सुनहरा अवसर मिलने जा रहा है. कनाडा सरकार ने “पैरेंट्स एंड ग्रैंडपेरेंट्स स्पॉन्सरशिप प्रोग्राम” (PGP) को दोबारा शुरू करने का ऐलान किया है. यह प्रोग्राम पिछले कुछ समय से स्थगित था, जिससे कई परिवारों की उम्मीदें अधूरी रह गई थीं.

इस बार कनाडा की इमिग्रेशन एजेंसी IRCC ने 17,860 स्पॉन्सरशिप आवेदन स्वीकार करने का लक्ष्य रखा है. इससे पंजाब और अन्य राज्यों के प्रवासी कनाडावासियों को अपने माता-पिता और दादा-दादी को स्थायी निवास दिलाने का मौका मिलेगा.

28 जुलाई से जारी हो चुके हैं निमंत्रण पत्र

इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज़ एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) ने 28 जुलाई 2025 से स्पॉन्सरशिप निमंत्रण पत्र भेजने शुरू कर दिए हैं. ये निमंत्रण केवल उन्हीं लोगों को मिल रहे हैं जिन्होंने वर्ष 2020 में "Expression of Interest" यानी रुचि पत्र जमा कराया था। दो हफ्तों तक यह प्रक्रिया चलेगी और यह बैकलॉग क्लियर करने की एक बड़ी कवायद है.

परिवारों के लिए फिर से खुला स्थायी पुनर्मिलन का रास्ता

PGP के जरिए कनाडा के नागरिक और स्थायी निवासी अपने माता-पिता और ग्रैंडपेरेंट्स को स्थायी निवास हेतु स्पॉन्सर कर सकते हैं. यह प्रोग्राम न केवल इमिग्रेशन की प्रक्रिया को सरल बनाता है, बल्कि पारिवारिक पुनर्मिलन को भी मजबूती देता है.

सुपर वीजा ही था एकमात्र विकल्प

PGP प्रोग्राम बंद होने के बाद लोग अपने बुजुर्गों को सुपर वीजा के जरिए बुला रहे थे, जो एक बार में 5 साल और कुल 10 साल तक की मल्टीपल एंट्री की अनुमति देता है. लेकिन इस वीजा से PR नहीं मिलती, जिससे कई लोग निराश थे.

2025 में आवेदन बंद, इमीग्रेशन लक्ष्यों में कटौती

हालांकि इस वर्ष PGP के लिए नए आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं. कनाडा सरकार ने अपने 2025 के इमीग्रेशन लक्ष्य में 20% की कटौती की है। जहां 2023 में 34,000 लोगों को पीआर देने का टारगेट था, वहीं अब यह घटाकर 24,500 कर दिया गया है.