Logo

पंजाब में जमीन रजिस्ट्री व्यवस्था में बड़ा बदलाव: अब नहीं चलेगा भ्रष्टाचार, 'ईजी रजिस्ट्री' पूरे राज्य में लागू

पंजाब सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब तक तैनात सभी रजिस्ट्री क्लर्कों को तुरंत हटाने और उनकी जगह 7 साल से कम अनुभव वाले नए क्लर्कों को लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

👤 Saurabh 31 Jul 2025 04:42 PM

पंजाब सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री प्रणाली में पारदर्शिता और ईमानदारी लाने के लिए एक बड़ा और अहम फैसला लिया है। राज्य में लगातार सामने आ रही रजिस्ट्री प्रक्रिया में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद अब सरकार ने पूरे सिस्टम को बदलने की दिशा में ठोस कदम उठाया है।

राज्य सरकार ने आदेश दिए हैं कि अभी तक तहसील कार्यालयों में तैनात सभी पुराने रजिस्ट्री क्लर्कों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाए। उनकी जगह अब ऐसे क्लर्कों की नियुक्ति होगी, जिनका सरकारी नौकरी का अनुभव 7 वर्ष से कम हो। यह निर्देश पंजाब सरकार के माल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को दिए हैं।

इस फैसले के साथ ही मोहाली (एसएएस नगर) में पहले से चल रहे 'ईज़ी रजिस्ट्री' पायलट प्रोजेक्ट को अब पूरे पंजाब में लागू किया जा रहा है। इस नई व्यवस्था में रजिस्ट्री से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच रजिस्ट्रार या जॉइंट सब-रजिस्ट्रार द्वारा उनके लॉगिन से पहले की जाएगी। दस्तावेजों की वैधता, स्टांप ड्यूटी और सरकारी शुल्क की गणना सही है या नहीं—यह सब जांचने के बाद ही रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।

नई प्रणाली में यह भी तय किया गया है कि रजिस्ट्रेशन के समय दोनों पक्षों की पहचान, उनकी पात्रता और शुल्क की अदायगी की पूरी तरह से जांच होगी। इसके अलावा, नए नियुक्त क्लर्कों की जिम्मेदारी होगी कि वे सभी जरूरी दस्तावेज़ स्कैन करें, डिजिटल रजिस्टर में दर्ज करें, और एक घंटे के भीतर रजिस्ट्री की प्रति संबंधित पक्ष को सौंप दें।

सरकार ने यह भी माना है कि अधिकतर जिलों में केवल 10–15% कर्मचारी ही रजिस्ट्री क्लर्क की परीक्षा पास कर पाते हैं। इसी कारण बार-बार वही कर्मचारी इस ड्यूटी पर तैनात किए जाते हैं, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना बनी रहती है। इसे रोकने के लिए ट्रेनिंग सिलेबस में भी बदलाव किया जाएगा।

सरकार की यह कोशिश है कि जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ी प्रक्रिया अब पूरी तरह डिजिटल, पारदर्शी और ईमानदारी से हो। इससे न सिर्फ आम लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि रिश्वतखोरी और दलाली जैसी समस्याओं पर भी लगाम लगेगी।