पंजाब में बस यात्रा करने वालों के लिए बड़ी खबर है. खासतौर पर उन महिलाओं के लिए जो आधार कार्ड के जरिए मुफ्त बस यात्रा का लाभ लेती हैं. आगामी 9 जुलाई को राज्य की सड़कों पर सरकारी बसों का संचालन पूरी तरह से प्रभावित हो सकता है. वजह है- ट्रांसपोर्ट यूनियनों द्वारा बुलाई गई एक दिवसीय राज्यव्यापी हड़ताल.
यह हड़ताल अकेले पंजाब की नहीं, बल्कि एक अखिल भारतीय आंदोलन का हिस्सा है, जिसे केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ वर्कर्स एंड एम्प्लॉइज के संयुक्त आह्वान पर किया जा रहा है. इसमें ट्रांसपोर्ट यूनियनों की भागीदारी प्रमुख है और इनका उद्देश्य है सरकार का ध्यान ट्रांसपोर्ट सेक्टर की बदहाल हालत की ओर खींचना.
ट्रांसपोर्ट यूनियन का कहना है कि ड्राइवर, कंडक्टर, टेक्निकल स्टाफ और अन्य कर्मचारियों की स्थिति लगातार खराब हो रही है. उन्हें नियमित वेतन नहीं मिल रहा, सुविधाओं में कटौती की जा रही है और ठेके पर काम करने वालों को नौकरी की सुरक्षा नहीं मिल रही. साथ ही, ट्रांसपोर्ट पर टैक्स का बोझ लगातार बढ़ रहा है, जिससे संचालन घाटे में जा रहा है.
हड़ताल का एक और बड़ा मुद्दा है पंजाब और अन्य राज्यों में खराब सड़कों की हालत. कई बार जानलेवा हादसे हो चुके हैं, लेकिन सड़कों की मरम्मत और रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा. वहीं दूसरी तरफ, केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए श्रम कानूनों को मजदूर-विरोधी बताया जा रहा है.
हड़ताल का सबसे बड़ा असर उन यात्रियों पर पड़ेगा जो रोजमर्रा की जरूरतों के लिए सरकारी बसों पर निर्भर हैं. खासकर महिलाएं, बुजुर्ग, और छात्र जो फ्री या रियायती दरों पर सफर करते हैं. उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था ढूंढनी पड़ सकती है.
फिलहाल सरकार की ओर से इस हड़ताल को रोकने के लिए कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन संभावना जताई जा रही है कि आखिरी समय में बातचीत के जरिए समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी.