अमृतसर में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पुलिस स्टेशन इस्लामाबाद में तैनात एएसआई सतनाम सिंह को 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह रकम 1 लाख रुपये की मांग की गई रिश्वत की पहली किश्त थी।
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता के मुताबिक, यह मामला शिकायतकर्ता इंद्रजीत सिंह की सूचना पर सामने आया। इंद्रजीत के दोस्त पारस मेहता, जो एक वित्तीय सलाहकार हैं, ने सुनील कुमार नाम के व्यक्ति का पैसा शेयर बाजार में निवेश किया था। निवेश में घाटा होने के कारण सुनील कुमार को 2 लाख रुपये का नुकसान हुआ। इसके बाद सुनील कुमार ने पारस को अपने घर बुलाया, जहाँ उसने और उसके दोस्तों ने पारस से चार खाली चेक पर हस्ताक्षर करवाए और 6 लाख रुपये का हलफनामा ले लिया। बाद में उन्होंने पारस के खिलाफ इस्लामाबाद पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कर दी।
पारस ने भी सुनील कुमार के खिलाफ कमिश्नरेट अमृतसर में शिकायत दी। इस मामले की जांच एएसआई सतनाम सिंह को सौंपी गई। जांच के दौरान एएसआई ने पारस से संपर्क किया और कहा कि वह शिकायत अपने पास मार्क कर देगा, लेकिन इसके लिए 1 लाख रुपये रिश्वत देनी होगी। उसने पहली किश्त के रूप में तुरंत 20,000 रुपये मांगे।
शिकायतकर्ता और उसका दोस्त रिश्वत नहीं देना चाहते थे, इसलिए उन्होंने विजिलेंस ब्यूरो से संपर्क किया और पूरी जानकारी दी। डीएसपी विजिलेंस ब्यूरो, यूनिट अमृतसर ने टीम बनाई और सरकारी गवाह की मौजूदगी में जाल बिछाया। योजना के तहत पारस ने एएसआई को 20,000 रुपये दिए, जिसे लेते ही विजिलेंस टीम ने सतनाम सिंह को पकड़ लिया।
गिरफ्तार एएसआई के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 (जैसा कि 2018 संशोधन अधिनियम में संशोधित किया गया है) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच जारी है और आरोपी को अगले दिन अदालत में पेश किया जाएगा।
यह कार्रवाई पंजाब में चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का हिस्सा है, जिसमें सरकार रिश्वतखोरी और गलत तरीके से काम करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई कर रही है।