दिल्ली का विवेक विहार इलाका हाल ही में उस वक्त सुर्खियों में आ गया, जब करोड़ों रुपये की लूट की वारदात ने पूरे शहर को हिला दिया. पुलिस ने लगातार जांच के बाद इस हाई-प्रोफाइल केस में बड़ी कामयाबी हासिल की है. अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और करीब 1.08 करोड़ रुपये नकद भी बरामद कर लिए गए हैं.
पीड़ित मनप्रीत, जो गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहते हैं और फाइनेंस, प्रॉपर्टी डीलिंग व कंस्ट्रक्शन के बिजनेस से जुड़े हैं, ने बताया कि उनके पास पिछले 6-7 महीनों में लगभग 2.5 करोड़ रुपये नकद जमा हुए थे. ये रकम उन्होंने अपने घर पर ही रखी थी. 19 अगस्त को उन्होंने अपने दोस्त रवि शंकर को 1.10 करोड़ रुपये लेने के लिए ऑफिस भेजा. रवि जैसे ही रकम लेकर बाहर निकला और बाइक पर बैठा, तभी दो अर्टिगा कारों में सवार चार लोग पहुंचे. इनमें एक महिला भी शामिल थी. आरोपियों ने खुद को CBI अफसर बताकर रवि को रोक लिया.
लुटेरों ने रवि को रोका ही नहीं, बल्कि उसके साथ मारपीट की और उसे धमकाकर घर के अंदर ले गए. वहां कर्मचारी दीपक महेश्वरी मौजूद था, जिसके साथ भी मारपीट की गई. आरोपियों ने न सिर्फ रकम लूटी, बल्कि रवि और दीपक को अपनी कार में बैठाकर अगवा कर लिया. वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों को अलग-अलग जगहों – चिंतामणि अंडरपास और निगमबोध घाट के पास छोड़कर फरार हो गए. जाते-जाते अपराधियों ने पीड़ितों को धमकाया कि अगर किसी को घटना के बारे में बताया तो नतीजा खतरनाक होगा.
पुलिस ने मामले की जांच के दौरान इलाके के CCTV फुटेज खंगाले. फुटेज से लुटेरों द्वारा इस्तेमाल की गई अर्टिगा कारों की पहचान हुई. जांच में पता चला कि ये गाड़ियां फरीदाबाद से किराए पर ली गई थीं और इन्हें साकेत मेट्रो स्टेशन के पास स्थित एक NGO से बुक किया गया था.
इस सुराग के आधार पर पुलिस ने NGO के ऑफिस पर छापा मारा. यहां से पापोरी बरुआ (31 वर्ष, असम निवासी) और दीपक (32 वर्ष, तुगलकाबाद निवासी) को गिरफ्तार कर लिया गया. उनकी निशानदेही पर 1.08 करोड़ रुपये की नकदी भी बरामद कर ली गई है. हालांकि पुलिस का कहना है कि बाकी आरोपी अभी फरार हैं और शेष रकम की बरामदगी के लिए छापेमारी जारी है.
विवेक विहार की इस लूट ने सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किए हैं. लेकिन तेजी से हुई पुलिस कार्रवाई ने यह भी साबित किया कि कानून के शिकंजे से अपराधी बच नहीं सकते. अब देखना होगा कि बाकी फरार आरोपी कब तक गिरफ्त से बाहर रहते हैं.