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पैर पर पैर रखकर सोना बना सकता है आपको बदकिस्मत? जानिए इसके पीछे की धार्मिक वजहें

हिंदू धर्म और शास्त्रों के अनुसार पैर पर पैर रखकर सोना या बैठना अशुभ माना गया है. इससे मां लक्ष्मी नाराज होती हैं, आयु घटती है और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, इसलिए इसे टालना चाहिए.

👤 Samachaar Desk 13 Nov 2025 06:59 PM

हमारे देश में नींद और बैठने की आदतों को लेकर भी कई परंपराएं और मान्यताएं प्रचलित हैं. इन्हीं में से एक है पैर पर पैर रखकर सोने या बैठने की आदत. कई लोग इसे आरामदायक मानते हैं, लेकिन हिंदू धर्म और शास्त्रों में इस आदत को अच्छा नहीं माना गया है. आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों कहा जाता है और इसके पीछे क्या धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं.

पौराणिक कथा से जुड़ी मान्यता

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के पैर में एक मणि जड़ी हुई थी, जो हमेशा चमकती रहती थी. एक दिन भगवान श्रीकृष्ण त्रिभंगी मुद्रा में, यानी पैर पर पैर रखकर विश्राम कर रहे थे. तभी एक बहेलिए ने उस मणि को हिरण की आंख समझ लिया और तीर चला दिया. वह तीर श्रीकृष्ण के पैर में जाकर लगा और उसी चोट के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने पृथ्वी लोक से बैकुंठ धाम के लिए प्रस्थान किया.

इस कथा के बाद यह मान्यता फैल गई कि पैर पर पैर रखकर सोने या बैठने से आयु कम होती है. इसी कारण से आज भी घरों में बड़े-बुजुर्ग बच्चों को इस मुद्रा में सोने से मना करते हैं.

धार्मिक दृष्टिकोण से क्या कहा गया है

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, पैर को शरीर का सबसे निम्न अंग माना गया है. इसे ऊपर उठाकर दूसरे पैर पर रखना या सिर की दिशा में करना अशुभ माना जाता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज होती हैं और घर में धन-संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं.

कई मान्यताओं में यह भी कहा गया है कि इस तरह सोने से व्यक्ति के जीवन में आलस्य, नकारात्मक विचार और अस्थिरता बढ़ती है. इसलिए धार्मिक दृष्टि से यह आदत अनुचित मानी गई है.

ज्योतिष के अनुसार दिशा का महत्व

ज्योतिष शास्त्र में सोने की दिशा का विशेष महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि दक्षिण दिशा की ओर पैर रखकर सोने से बुरे सपने आ सकते हैं और मन अशांत रहता है. वहीं उत्तर दिशा की ओर पैर रखकर सोना शुभ माना गया है, क्योंकि इससे मन शांत रहता है और नींद अच्छी आती है.

लेकिन किसी भी दिशा में पैर पर पैर रखकर सोना या बैठना, दोनों ही को अशुभ बताया गया है. इससे शरीर में ऊर्जा का संतुलन बिगड़ता है और रक्त संचार भी प्रभावित हो सकता है.