नींद में सपने आना स्वाभाविक है, लेकिन जब ये सपने डरावने हो जाएं तो मन बेचैन और नींद अधूरी रह जाती है. हाल ही में एक महिला ने इसी परेशानी का जिक्र करते हुए प्रेमानंद महाराज से उपाय पूछा. जवाब में महाराज ने बहुत ही सहज और तर्कसंगत तरीके से डरावने सपनों से बचने का रास्ता बताया.
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, इंसान दिनभर जो सोचता और करता है, वही विचार और संस्कार सपनों में सामने आते हैं. कई बार पिछले जन्मों के कर्म भी सपनों के रूप में दिखाई देते हैं. यदि मन में अपराधबोध या नकारात्मकता हो तो यह बेचैनी सपनों का रूप ले लेती है.
उदाहरण देते हुए महाराज बताते हैं कि जैसे संत लोग अपना जीवन भगवान की भक्ति और साधना में लगाते हैं. यही कारण है कि उन्हें हमेशा भगवान या तीर्थस्थलों के सपने आते हैं. यह साबित करता है कि सपने दरअसल हमारे मन और विचारों की झलक होते हैं.
मन में जो विचार चलते हैं, वही रात में सपनों का रूप ले लेते हैं. इसलिए जरूरी है कि इंसान अपने विचार सकारात्मक रखे और मन को पवित्र बनाए. साफ सोच ही अच्छी नींद और अच्छे सपनों की कुंजी है.
महाराज का कहना है कि सोने से पहले शरीर और वातावरण की सफाई बहुत मायने रखती है. साफ कपड़े पहनकर, पैरों को धोकर और स्वच्छ बिस्तर पर सोना न सिर्फ हाइजीन के लिए जरूरी है बल्कि इससे मन भी शांत होता है. इससे डरावने सपनों की संभावना काफी कम हो जाती है.
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, रात को सोने से पहले भगवान का नाम जप करना चाहिए. इससे नकारात्मक विचार दूर होते हैं और मन पवित्र बनता है. जब मन शांत होता है तो नींद गहरी आती है और डरावने सपनों की परेशानी खत्म हो जाती है.
अंत में महाराज ने स्पष्ट किया कि सपनों का वास्तविक जीवन से कोई गहरा संबंध नहीं होता. ये सिर्फ मन का भ्रम हैं. इसलिए सपनों से डरने की बजाय, भगवान को याद करके मन को स्थिर करना ही असली उपाय है.