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चर्च की नन और पादरी बने सेक्स सीन के किरदार! म्यूजियम में रखा गया 200 साल पुराना कंडोम

नीदरलैंड्स के मशहूर Rijksmuseum में इन दिनों एक बेहद अजीब लेकिन दिलचस्प प्रदर्शनी लोगों का ध्यान खींच रही है. इस प्रदर्शनी का नाम है - 'Safe Sex?', और इसमें जो चीज सबसे ज्यादा चर्चा में है,

👤 Sagar 06 Jun 2025 12:53 PM

200 year old condom: नीदरलैंड्स के मशहूर Rijksmuseum में इन दिनों एक बेहद अजीब लेकिन दिलचस्प प्रदर्शनी लोगों का ध्यान खींच रही है. इस प्रदर्शनी का नाम है - 'Safe Sex?', और इसमें जो चीज सबसे ज्यादा चर्चा में है, वह है 200 साल पुराना एक कंडोम, जिसे अब “कला” का दर्जा देकर म्यूजियम में बकायदा फ्रेम में सजाकर रखा गया है.

ये कोई आम कंडोम नहीं है. माना जाता है कि ये 1830 के आसपास फ्रांस के एक हाई-प्रोफाइल कोठे (शायद पेरिस) से आया है और इसे भेड़ की आंत से बनाया गया था. ध्यान देने वाली बात यह है कि उस समय वल्कनाइज्ड रबर (जिससे मॉडर्न कंडोम बनते हैं) का आविष्कार भी नहीं हुआ था, इसलिए अमीर वर्ग के लिए इसी तरह के 'लक्ज़री' कंडोम बनाए जाते थे.

लेकिन इस कंडोम की खासियत सिर्फ उसकी उम्र या सामग्री नहीं है. इस पर एक इरोटिक नकल (etching) बनी हुई है जिसमें एक अधनंगी नन को दिखाया गया है जो तीन पादरियों के खड़े जननांगों की ओर इशारा कर रही है. उसके नीचे फ्रेंच में लिखा है- “Voila, mon choix”, यानी "देखो, ये है मेरी पसंद!"

म्यूजियम का कहना है कि ये शरारती लेकिन प्रतीकात्मक कला पीस 19वीं सदी की सेक्स इंडस्ट्री, धार्मिक दोहरापन और यौन स्वास्थ्य पर एक गंभीर और व्यंग्यात्मक टिप्पणी है. इसे फ्रांसीसी चित्रकार रिनुआर की मशहूर पेंटिंग 'The Judgment of Paris' से प्रेरित माना जा रहा है, जहां ट्रोजन राजकुमार पेरिस तीन देवियों में से सबसे सुंदर को चुनता है.

इस कंडोम को नवंबर 2024 में €1,000 (लगभग 90 हजार रुपए) में एक नीलामी से खरीदा गया था और यह Rijksmuseum की कलेक्शन में शामिल होने वाला पहला "contraceptive sheath" है.

तो आखिर क्यों रखा गया इसे सजाकर?

क्योंकि यह एक ऐतिहासिक दस्तावेज है – ना सिर्फ यौन स्वास्थ्य के पुराने तरीकों का, बल्कि समाज में सेक्स और पवित्रता को लेकर मौजूद पाखंड और विरोधाभास का भी."Safe Sex?" प्रदर्शनी इस साल नवंबर तक जारी रहेगी और अगर आप नीदरलैंड्स जा रहे हैं, तो ये देखने लायक ‘इतिहास का कवर पेज’ जरूर है.