लंदन में छिपे बैठे भारतीय बिजनेसमैन विजय माल्या ने आखिरकार चुप्पी तोड़ी है. राज शमानी के पॉडकास्ट में करीब चार घंटे तक चली बातचीत में माल्या ने एक तरफ किंगफिशर एयरलाइंस की नाकामी पर माफी मांगी, तो दूसरी ओर खुद को 'चोर' कहे जाने पर तीखी आपत्ति जताई.
'मैं मानता हूं कि मुझे भगोड़ा कहा जा सकता है, लेकिन चोर? चोरी कहां से हूं बताओ जरा?" ये शब्द उस शख्स के हैं, जिस पर भारत में 9000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बैंक धोखाधड़ी के आरोप हैं, और जो 2016 से ब्रिटेन में बैठा है, भारत सरकार के एक्सट्राडिशन प्रयासों से बचता फिर रहा है.
पॉडकास्ट के दौरान माल्या ने कहा-"मैं किंगफिशर एयरलाइंस की असफलता के लिए माफी मांगता हूं. अगर भारत में मुझे निष्पक्ष मुकदमे और गरिमामय जीवन का भरोसा दिया जाए, तो मैं वापसी पर विचार कर सकता हूं. लेकिन फिलहाल ऐसा भरोसा नहीं है. उन्होंने साफ किया कि वो मार्च 2016 में भारत से पूर्व-निर्धारित यात्रा पर निकले थे, न कि भागे थे. "अगर आप मुझे भगोड़ा कहें, ठीक है. लेकिन ‘चोर’ क्यों? कौन सी चोरी?"
माल्या के मुताबिक, भारत की राजनीतिक गलियों में उन्हें जिस तरह से "चोर" या "लुटेरा" कहा जाता है, वो गलत है. उनका कहना है कि उन्होंने देश नहीं छोड़ा बल्कि लौटने से वाजिब कारणों के चलते परहेज किया.
माल्या पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का लोन लेकर डिफॉल्ट किया, जो किंगफिशर एयरलाइंस के डूबने के बाद कभी वापस नहीं हुआ. हालांकि माल्या की लीगल टीम का दावा है कि “बैंकों ने हमसे अब तक 14,000 करोड़ रुपये रिकवर कर लिए हैं- जो असली कर्ज से कहीं ज्यादा है.”
इसी साल अप्रैल 2025 में, माल्या को लंदन हाई कोर्ट से एक और झटका मिला, जहां उन्होंने 11,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज मामले में दिवालियापन के खिलाफ अपील हार दी. फरवरी 2025 में माल्या ने कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया और पूछा कि अगर बैंकों ने पहले ही इतना पैसा वसूल लिया है, तो वसूली अभी तक क्यों जारी है?
भारत सरकार की कोशिशें भारत सरकार 2016 से लगातार ब्रिटेन से माल्या को भारत लाने की कोशिश कर रही है. 2018 में यूके कोर्ट ने माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी भी दी, लेकिन कानूनी पेचीदगियों और अपीलों के चलते वो अब तक नहीं लौटे.