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रूस से तेल खरीद पर रोक की खबरों को भारत सरकार ने बताया बेबुनियाद, बोली- 'ऊर्जा नीति हमारे हितों और बाजार पर आधारित है'

रूस से कच्चे तेल की खरीद रोकने की खबरों को लेकर भारत सरकार ने बड़ा बयान दिया है. सूत्रों के हवाले से सरकार ने साफ किया है कि भारतीय सार्वजनिक तेल कंपनियों द्वारा रूसी तेल की खरीद बंद करने की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है.

👤 Golu Dwivedi 02 Aug 2025 11:35 AM

रूस से कच्चे तेल की खरीद रोकने की खबरों को लेकर भारत सरकार ने बड़ा बयान दिया है. सूत्रों के हवाले से सरकार ने साफ किया है कि भारतीय सार्वजनिक तेल कंपनियों द्वारा रूसी तेल की खरीद बंद करने की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है और भारत की ऊर्जा नीति पूरी तरह से राष्ट्रीय हित और बाजार की परिस्थितियों पर आधारित है. यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल खरीद पर कथित रोक को "एक अच्छा कदम" करार दिया है.

दरअसल, हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और मैंगलोर रिफाइनरी जैसे सरकारी तेल रिफाइनर पिछले कुछ दिनों से रूसी तेल की नई खरीद नहीं कर रहे हैं. इस दावे ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी थी। लेकिन अब भारत सरकार ने इन खबरों को नकारते हुए स्पष्ट कर दिया है कि कोई आधिकारिक रोक नहीं लगी है.

ऊर्जा खरीद में हस्तक्षेप नहीं, नीति राष्ट्रीय हितों पर आधारित: सरकार

सरकारी सूत्रों ने बताया कि, भारत की ऊर्जा खरीद पूरी तरह से बाजार की शक्तियों और राष्ट्रीय हितों से संचालित होती है। हमारे पास ऐसा कोई संकेत नहीं है कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने रूसी तेल की खरीद बंद कर दी है. इस बयान के माध्यम से सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि मीडिया में चल रही रिपोर्टों के विपरीत भारत का ऊर्जा क्षेत्र फिलहाल किसी भी तरह के अमेरिकी दबाव में नहीं है.

विदेश मंत्रालय का भी बयान, 'नीति स्पष्ट है'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंदीप जैसवाल ने शुक्रवार को एक सवाल के जवाब में कहा कि ऊर्जा से संबंधित हमारे रुख को लेकर कोई अस्पष्टता नहीं है. हमारी ऊर्जा जरूरतें इस पर निर्भर करती हैं कि वैश्विक बाजार में क्या उपलब्ध है और वैश्विक परिस्थितियाँ कैसी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत की ऊर्जा खरीद की रणनीति में किसी एक देश के दबाव का असर नहीं होता, बल्कि यह एक संतुलित और हित-आधारित नीति है.

ट्रंप की चेतावनी और बयान ने बढ़ाई तल्ख़ी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जुलाई को भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. इसके बाद उन्होंने रूसी हथियार और तेल खरीद को लेकर भारत पर निशाना साधा. ट्रंप ने भारत और रूस को 'मरी हुई अर्थव्यवस्थाएं' कहते हुए कहा कि मुझे परवाह नहीं है कि भारत रूस के साथ क्या करता है. ट्रंप के इस बयान को लेकर भारत में राजनीतिक हलकों और रणनीतिक विश्लेषकों के बीच तीखी बहस छिड़ गई है.

अमेरिका और रूस के बीच संतुलन साधता भारत

रूस से भारत के रिश्तों को लेकर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जैसवाल ने कहा,भारत और रूस के बीच साझेदारी समय की कसौटी पर खरी उतरी है। यह एक स्थिर और परखा हुआ संबंध है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि, भारत और अमेरिका के रिश्ते भी मजबूत हैं और हमें पूरा विश्वास है कि यह संबंध वर्तमान तनावों के बावजूद आगे बढ़ते रहेंगे.