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धनखड़ के इस्तीफे के पीछे 'दाल में कुछ काला'! कौन होगा अलग उपराष्ट्रपति? चर्चा में ये नाम आगे

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है. सोमवार की शाम जैसे ही उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से त्यागपत्र दिया,

👤 Golu Dwivedi 22 Jul 2025 12:23 PM

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है. सोमवार की शाम जैसे ही उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से त्यागपत्र दिया, वैसे ही एनडीए सहित तमाम दलों में उनके उत्तराधिकारी को लेकर मंथन शुरू हो गया है. अब सभी की निगाहें उस नाम पर टिकी हैं जिसे देश का अगला उपराष्ट्रपति बनाया जाएगा.

धनखड़ ने अपने इस्तीफे में संविधान के अनुच्छेद 67(क) का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र सौंपा और तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने की घोषणा की। यह इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आया, जिसने सत्तापक्ष सहित विपक्ष को भी चौंका दिया.

इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य या सियासत?

74 वर्षीय धनखड़ ने पत्र में लिखा, “स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के उद्देश्य से, मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं.” हालांकि, कुछ राजनीतिक हलकों में इसे केवल स्वास्थ्य कारण नहीं, बल्कि गहराई से जुड़े राजनीतिक समीकरणों से भी जोड़ा जा रहा है.

एनडीए जल्द कर सकता है उम्मीदवार का एलान

सूत्रों के अनुसार, एनडीए जल्द ही अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा कर सकता है. भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी एक “गंभीर, अनुभवी और गैर-विवादित” चेहरा सामने ला सकती है। वरिष्ठ नेता को प्राथमिकता दी जा सकती है. राज्यसभा के उपसभापति और जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद हरिवंश नारायण सिंह का नाम संभावित उम्मीदवारों की सूची में सबसे ऊपर बताया जा रहा है. वे 2020 से इस पद पर हैं और सरकार के विश्वसनीय सहयोगी माने जाते हैं.

राज्यपाल या वरिष्ठ मंत्री का नाम भी संभव

भाजपा ऐसे नेता को भी उपराष्ट्रपति बना सकती है जो किसी राज्य के राज्यपाल रह चुके हों, जैसे धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री या संगठन के प्रमुख नेता को भी मौका मिल सकता है. संविधान के अनुच्छेद 68(2) के अनुसार, उपराष्ट्रपति के पद के रिक्त होने की स्थिति में चुनाव “यथाशीघ्र” कराया जाना आवश्यक है. निर्वाचित उपराष्ट्रपति पांच वर्षों की पूर्ण अवधि तक पद पर बने रहेंगे.

उपराष्ट्रपति बनने की पात्रता भारतीय नागरिक होना आवश्यक

1. न्यूनतम आयु 35 वर्ष

2. राज्यसभा सदस्य बनने के लिए योग्य

3. केंद्र या राज्य सरकार के किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए

4. धनखड़ का कार्यकाल और विरासत

धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति पद संभाला था और 2027 तक का कार्यकाल पूरा करने वाले थे. उनका कार्यकाल विपक्ष से तीखी बहसों, राज्यसभा में सख्त रुख और कई विवादित टिप्पणियों के लिए याद किया जाएगा.