कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से बनाए गए एक वायरल वीडियो ने देश की राजनीति में नई चिंगारी सुलगा दी है. इस वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंतरराष्ट्रीय रेड कारपेट इवेंट में चाय बेचते हुए दिखाया गया है. वीडियो सामने आते ही कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी बयानबाज़ी शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता रागिनी नायक ने जैसे ही इस वीडियो को एक्स पर शेयर किया और पूछा—“अब ये किसने किया?”—वैसे ही बीजेपी नेताओं ने इसे प्रधानमंत्री का अपमान बताकर पलटवार कर दिया.
वीडियो में पीएम मोदी हल्के आसमानी रंग का कोट और काली पैंट पहने नजर आते हैं. उनके हाथ में एक केतली और चाय के गिलास हैं. बैकग्राउंड में अंतरराष्ट्रीय झंडों के साथ भारतीय तिरंगा भी दिखाई देता है, जो वीडियो को किसी ग्लोबल इवेंट जैसा लुक देता है. हालांकि यह वीडियो असली नहीं, बल्कि AI की मदद से बनाया गया है. कांग्रेस इसे मजाकिया कंटेंट बताकर शेयर कर रही है, वहीं बीजेपी इसे प्रधानमंत्री के सामाजिक पृष्ठभूमि का मजाक उड़ाने वाला कदम बता रही है.
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने वीडियो को “घृणित राजनीति” करार दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को मोदी का चायवाला होना अभी तक हजम नहीं हुआ है और वे बार-बार उनकी पृष्ठभूमि पर तंज कसकर ओबीसी समुदाय का अपमान कर रहे हैं.
पूनावाला ने दावा किया कि कांग्रेस ने 150 से ज्यादा बार प्रधानमंत्री का अपमान किया है और कई बार तो उनकी दिवंगत मां तक को निशाना बनाया गया. उन्होंने रागिनी नायक की पोस्ट पर कहा—“रेणुका चौधरी ने संसद में हँसी उड़ाई, अब रागिनी जी ने उसी स्तर की राजनीति दोहराई है. देश इसे कभी माफ नहीं करेगा.”
यह पहली बार नहीं है जब AI जनरेटेड वीडियो किसी सियासी तूफान का कारण बना हो. सितंबर में बिहार कांग्रेस ने एक AI वीडियो पोस्ट किया था जिसमें पीएम मोदी अपनी दिवंगत मां से सपने में बातचीत करते दिखाए गए थे. यह वीडियो भी विवादों में घिरा और मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा. पटना हाई कोर्ट ने तत्काल इसे सोशल मीडिया से हटाने का आदेश दिया था.
AI वीडियो से शुरू हुआ यह विवाद सीधे उस पुराने मुद्दे को छूता है, जिसे भाजपा वर्षों से राजनीतिक हथियार के तौर पर उपयोग करती आई है PM मोदी का ‘चायवाला’ बैकग्राउंड. 2014 में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि मोदी कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते, और हारने के बाद कांग्रेस अधिवेशन में चाय बेच सकते हैं. यह बयान भाजपा के लिए सोने पर सुहागा साबित हुआ और फिर देशभर में ‘चाय पे चर्चा’ अभियान चलाया गया.
2017 में युवा कांग्रेस ने भी एक मीम पोस्ट किया था जिसमें मोदी का मजाक उड़ाया गया था. भारी आलोचना के बाद कांग्रेस ने पोस्ट हटाया और सफाई दी.
AI वीडियो तेजी से राजनीति का नया हथियार बनते जा रहे हैं. सवाल यह है—क्या ये तकनीक लोकतंत्र को मजबूत करेगी या नेताओं की छवि बिगाड़ने का नया माध्यम बन जाएगी? इस समय जो भी हो, इतना तय है कि AI वीडियो ने दोनों पार्टियों में नया विवाद खड़ा कर दिया है, जो चुनावी मौसम में और गरमाने की पूरी संभावना रखता है.