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उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: नंबर गेम में एनडीए मजबूत, लेकिन क्रॉस वोटिंग बना सकती है मुकाबला दिलचस्प

भारत के 15वें उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए 9 सितंबर को मतदान होगा और उसी दिन नतीजे भी घोषित किए जाएंगे। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफ़े के बाद यह चुनाव हो रहा है।

👤 Saurabh 08 Sep 2025 07:01 PM

भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के चुनाव की तैयारी पूरी हो चुकी है। मतदान 9 सितंबर को होगा और उसी दिन नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे। दरअसल, मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अगस्त 2022 में यह पद संभाला था और उनका कार्यकाल 2027 तक चलना था।

इस चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। संसद से लेकर सोशल मीडिया तक उपराष्ट्रपति का चुनाव चर्चा का विषय बना हुआ है। राजनीतिक पार्टियां लगातार डिनर मीटिंग्स और रणनीति बनाने में जुटी हैं।

विश्लेषकों का कहना है कि आमतौर पर उपराष्ट्रपति चुनाव ज्यादा रोमांचक नहीं होते, लेकिन इस बार का मुकाबला दिलचस्प हो गया है। वजह यह है कि कई पार्टियों में क्रॉस वोटिंग की संभावना जताई जा रही है। यानी सांसद अपनी पार्टी लाइन से हटकर वोट दे सकते हैं। यही कारण है कि इस चुनाव को सरकार और गठबंधन की ताकत की परीक्षा माना जा रहा है।

गणित की बात करें तो कुल 782 वोट हैं। जीत के लिए 391 वोट चाहिए। एनडीए के पास अपनी संख्या से 31 वोट ज्यादा बताए जा रहे हैं, जबकि इंडिया गठबंधन के पास करीब 312 वोट हैं। यानी साफ तौर पर एनडीए के जीतने की संभावना मजबूत है। लेकिन राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि अगर थोड़ी भी क्रॉस वोटिंग हुई, तो परिणाम दिलचस्प हो सकते हैं और यह गठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा करेगा।

बीजेडी जैसी कुछ बड़ी पार्टियों ने अब तक अपना रुख साफ नहीं किया है, जबकि डीएमके ने कहा है कि वह विचारधारा के आधार पर वोट करेगी, न कि केवल उम्मीदवार की क्षेत्रीय पहचान देखकर। यही वजह है कि दक्षिण भारत की राजनीति इस चुनाव में अहम भूमिका निभा रही है।

इस चुनाव में कोई पार्टी व्हिप जारी नहीं कर सकती, क्योंकि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं होता। सांसद अपने मन से वोट दे सकते हैं। इतिहास में कई बार क्रॉस वोटिंग ने अप्रत्याशित नतीजे दिए हैं।