दिल्ली के वसंत कुंज में स्थित एक प्राइवेट इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट के मैनेजर स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर कई छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न करने का गंभीर मामला दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस ने बताया कि चैतन्यानंद, जिसे पार्थ सारथी के नाम से भी जाना जाता है, ने लगभग 17 लड़कियों के खिलाफ अभद्र भाषा, अश्लील मैसेज और बिना अनुमति शारीरिक संपर्क आरोपित रूप से किया. पीड़ित छात्राओं में कई ऐसे हैं जो EWS स्कॉलरशिप के तहत PGDM कोर्स कर रही हैं.
चैतन्यानंद सरस्वती मूल रूप से ओडिशा का निवासी है और पिछले 12 सालों से आश्रम में रह रहा था. वह आश्रम का संचालक और देखभालकर्ता दोनों रहा है. वर्तमान में वह वसंत कुंज के एक प्राइवेट इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट में मैनेजर के पद पर कार्यरत है. दिल्ली पुलिस के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब उसके खिलाफ आपराधिक शिकायतें आई हैं. 2009 में डिफेंस कॉलोनी में धोखाधड़ी और छेड़छाड़ के आरोप लगे थे, जबकि 2016 में भी वसंत कुंज में एक महिला ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
चैतन्यानंद के खिलाफ यह शिकायत सबसे पहले 4 अगस्त 2025 को श्री श्रृंगेरी मठ और इसकी संपत्तियों के प्रशासक पी.ए. मुरली द्वारा दर्ज कराई गई थी. दिल्ली पुलिस ने कहा कि घटना स्थल और आरोपी के घर पर छापेमारी की गई, और CCTV फुटेज का विश्लेषण किया गया. साथ ही, SRISIIM इंस्टिट्यूट से मिली NVR/हार्ड डिस्क को फॉरेंसिक साइंस लैब में जांच के लिए भेजा गया. पटियाला हाउस कोर्ट में 16 पीड़ित छात्राओं के बयान भी दर्ज किए गए.
इस मामले के प्रकाश में आने के बाद, श्री श्रृंगेरी मठ ने बयान जारी किया कि चैतन्यानंद सरस्वती के अवैध और अनुचित कार्यों में शामिल होने के कारण उनसे सभी संबंध तोड़ दिए गए हैं. मठ ने संबंधित अधिकारियों के पास शिकायतें भी दर्ज कराई हैं.
फिलहाल चैतन्यानंद सरस्वती फरार है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है. भारतीय न्याय संहिता (BNS) की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस मामले ने समाज में धार्मिक संस्थाओं में भरोसे और सुरक्षा के सवाल को भी उजागर किया है.