कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 24 सितंबर, 2025 को पटना के सदाकत आश्रम में आयोजित कांग्रेस कार्यकारी समिति (CWC) की बैठक में सत्ता पक्ष पर जमकर हमला बोला. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखे आरोप लगाए. खरगे ने कहा कि केंद्र और राज्यों में बीजेपी सरकारें धार्मिक ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक भावनाओं को बनाए रखने के मौके तलाशती रहती हैं.
खरगे ने कहा कि बीजेपी ने जनवरी 2024 में नीतीश कुमार को फिर से समर्थन देकर बिहार में एनडीए की सरकार बनाई. हालांकि, नीतीश सरकार के विकास के वादे पूरे नहीं हुए और बिहार की अर्थव्यवस्था पिछड़ती जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र से बिहार को कोई विशेष पैकेज नहीं मिला, जिससे ‘डबल इंजन’ का दावा खोखला साबित हुआ.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनडीए गठबंधन में आंतरिक कलह अब खुलकर सामने आ रही है. बीजेपी ने नीतीश कुमार को अब बोझ मानना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा, “नीतीश को मानसिक रूप से सेवानिवृत्त कर दिया गया है और उन्हें अब सिर्फ बोझ के रूप में देखा जाता है.”
खरगे ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यूपी के सीएम खुद को प्रधानमंत्री का उत्तराधिकारी समझते हैं. उन्होंने आरक्षण विरोधी लेख लिखे और जातियों के आधार पर होने वाली रैलियों पर रोक लगा दी. खरगे ने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री जनता को बताएंगे कि एक तरफ जाति जनगणना की बात हो रही है, और दूसरी तरफ अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतरने वाले लोगों को जेल में डाला जा रहा है?
कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बैठक में सत्ता पक्ष की नीतियों और आंतरिक खींचतान पर सवाल उठाते हुए साफ कहा कि जनता को इन मुद्दों की जानकारी होनी चाहिए. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि विपक्ष के रूप में कांग्रेस भविष्य में केंद्र और राज्यों में सत्ताधारी दलों के खिलाफ अधिक सक्रिय भूमिका निभाएगी.
कुल मिलाकर, मल्लिकार्जुन खरगे की यह टिप्पणी बिहार और यूपी के राजनीतिक परिदृश्य में चर्चा का विषय बन गई है और आने वाले समय में इसे चुनावी रणनीति में भी अहम माना जा रहा है.