दिल्ली मेट्रो, जिसे कभी उसकी साफ-सुथरी कोच और तेज रफ्तार सफर के लिए जाना जाता था, अब सोशल मीडिया के लिए कंटेंट बनाने की जगह बन चुकी है। आए दिन यहां डांस, गानों और रील्स के वीडियो वायरल होते रहे हैं। लेकिन अब दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने इस पर सख्त कदम उठाया है।
14 सितंबर से मेट्रो में एक नई घोषणा सुनाई देने लगी है। इसमें साफ कहा गया है कि मेट्रो में रील बनाना, डांस करना या किसी भी तरह का सोशल मीडिया कंटेंट शूट करना पूरी तरह से मना है। यह अनाउंसमेंट हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में की जा रही है। ठीक वैसे ही जैसे अब तक मेट्रो में फर्श पर बैठने, खाना खाने या जोर से शोर करने के खिलाफ चेतावनी दी जाती रही है।
DMRC का कहना है कि यह फैसला यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए लिया गया है। अक्सर रील्स बनाने के चक्कर में लोग नाचते-गाते हैं, जिससे बाकी यात्रियों को परेशानी होती है। कई बार इस वजह से कोच में अव्यवस्था भी फैल जाती है। ऐसे में मेट्रो प्रशासन चाहता है कि यात्रियों का सफर आरामदायक और सुरक्षित बना रहे।
यह केवल एक चेतावनी नहीं है, बल्कि इसके पीछे कानूनी प्रावधान भी हैं। भले ही मेट्रो रेलवे अधिनियम 2002 में "रील बनाने" का सीधा जिक्र नहीं है, लेकिन "असुविधा पैदा करने वाली गतिविधियों" के तहत ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सकती है। यानी अगर कोई यात्री मेट्रो में डांस या वीडियो बनाते हुए पकड़ा गया, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
पिछले कुछ सालों में दिल्ली मेट्रो को सिर्फ एक यात्रा का साधन नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल होने का जरिया समझा जाने लगा है। कभी कोई यात्री डांस करता नजर आता है, तो कभी कोई अजीब हरकत करता है। यहां तक कि एक बार एक व्यक्ति का मेट्रो के अंदर शराब पीते और अंडे खाते हुए वीडियो भी वायरल हुआ था।
मेट्रो में रोजाना सफर करने वाले यात्रियों का कहना है कि ऐसे वीडियो दूसरों को परेशान करते हैं। आशीष कुमार नाम के एक यात्री ने कहा, "लोगों को लगता है कि यहां वीडियो बनाने से वे तुरंत पॉपुलर हो जाएंगे, लेकिन तेज आवाज और डांस यात्रियों के लिए असुविधाजनक हैं।" उनकी सहयात्री अलका सिंह ने भी कहा, "मेट्रो सफर करने के लिए है, न कि कंटेंट बनाने के लिए।"
पिछले साल DMRC ने इस समस्या से निपटने के लिए फ्लाइंग स्क्वाड भी तैनात किए थे, लेकिन वीडियो बनना बंद नहीं हुआ। अब देखना होगा कि यह नई अनाउंसमेंट कितनी कारगर साबित होती है और क्या वाकई यात्रियों को राहत मिल पाएगी।
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