Repo Rate Cut: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा (bi-monthly monetary review) जारी करते हुए रेपो रेट में 0.25% की कटौती की है. ये बैठक बुधवार से शुरू हुई थी और इसमें अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर चर्चा के बाद ये फैसला लिया गया.
RBI की नई घोषणा के बाद रेपो रेट 5.25% हो गया है. इस फैसले से होम लोन और अन्य तरह के लोन की EMI कम होने की उम्मीद है. यानी लोगों पर खर्च का बोझ थोड़ा हल्का होगा.
लोन सस्ते होने से बाजार में मांग बढ़ेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेज होने की संभावना है. RBI ने अपने नीतिगत रुख को “तटस्थ” रखा है और माना है कि ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में मांग में सुधार जारी है. गवर्नर ने ये भी कहा कि निवेश गतिविधियां अभी अच्छी स्थिति में हैं और निजी निवेश में भी तेजी देखी जा रही है.
RBI ने अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GDP वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 7.3% कर दिया है, जबकि पहले ये 6.8% था. केंद्रीय बैंक ने अलग-अलग तिमाहियों के लिए भी अनुमान सुधारे हैं-
वित्त वर्ष 26 की तीसरी तिमाही: 6.4% से बढ़ाकर 7.0% वित्त वर्ष 26 की चौथी तिमाही: 6.2% से बढ़ाकर 6.5% वित्त वर्ष 27 की पहली तिमाही: 6.4% से बढ़ाकर 6.7% वित्त वर्ष 27 की दूसरी तिमाही: 6.8% अनुमान
इन आंकड़ों से साफ है कि रिजर्व बैंक को आने वाले समय में आर्थिक गतिविधियों के बेहतर रहने की उम्मीद है.
साल 2025 के दौरान RBI ने कुल चार बार रेपो रेट घटाया है.
फरवरी: 6.50% से घटाकर 6.25%
अप्रैल: 0.25% की और कमी
जून: 0.50% की कटौती
दिसंबर: 0.25% की ताजा कटौती
इस तरह तीन चरणों में ब्याज दरों में कुल 1.25% की कमी की गई है. इससे उधार लेना पहले की तुलना में काफी आसान और सस्ता हुआ है.
रेपो रेट में कटौती से आम लोगों, कारोबारियों और बाजार तीनों को फायदा मिलने की उम्मीद है. EMI कम होने से लोगों की जेब पर दबाव कम होगा और बढ़ती मांग के साथ आर्थिक रफ्तार भी तेज हो सकती है.