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राहुल गांधी के मेगा मार्च पर दिल्ली पुलिस की रोक! 300 सांसद सड़कों पर… जानें क्या है पूरा मामला

राहुल गांधी की अगुवाई में इंडिया गठबंधन के 300 सांसद सोमवार (11 अगस्त) को SIR प्रक्रिया के खिलाफ संसद से चुनाव आयोग तक मेगा मार्च करने वाले हैं.

👤 Samachaar Desk 11 Aug 2025 10:51 AM

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में इंडिया गठबंधन के सांसद सोमवार (11 अगस्त) को विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर दिल्ली में बड़ा विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं. विपक्ष के करीब 300 सांसद संसद भवन से चुनाव आयोग के दफ्तर तक मेगा मार्च की तैयारी में हैं. हालांकि, इस मार्च को लेकर दिल्ली पुलिस ने अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

विपक्ष के बड़े नेता होंगे शामिल

इस विरोध मार्च में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी जैसे बड़े नेता हिस्सा लेंगे. दिल्ली पुलिस सूत्रों का कहना है कि विपक्ष ने इस रैली के लिए औपचारिक अनुमति नहीं ली है.

राहुल गांधी के गंभीर आरोप

हाल ही में राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि दोनों मिलकर लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं. SIR प्रक्रिया को लेकर भी उन्होंने नाराजगी जताई थी. राहुल ने विशेष रूप से महाराष्ट्र चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की गई है.

इन आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाया और राहुल से सबूत पेश करने को कहा. साथ ही चेतावनी दी कि यदि आरोप गलत साबित हुए तो उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी. आयोग ने कानूनी कार्रवाई की संभावना भी जताई.

डिनर मीटिंग में रणनीति पर चर्चा

विरोध मार्च से पहले विपक्षी सांसदों के लिए दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित होटल ताज पैलेस में दूसरी डिनर मीटिंग रखी गई है. इसमें इंडिया गठबंधन के सभी सांसदों के शामिल होने की उम्मीद है. इससे पहले राहुल गांधी के आवास पर भी विपक्षी नेताओं की बैठक हो चुकी है.

महाराष्ट्र में भी प्रदर्शन

सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र में भी विपक्ष वोट चोरी के मुद्दे पर सड़क पर उतरेगा. यहां उद्धव ठाकरे और महाविकास अघाड़ी के नेता सोमवार (11 अगस्त) को विरोध प्रदर्शन करेंगे.

राजनीतिक तापमान चढ़ा

इस मेगा मार्च को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. विपक्ष इसे लोकतंत्र बचाने की लड़ाई बता रहा है, जबकि सत्तारूढ़ पक्ष इन आरोपों को बेबुनियाद करार दे रहा है. आने वाले दिनों में यह टकराव और बढ़ने के आसार हैं.