Nitish Kumar Oath Ceremony: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब सरकार बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. इसी बीच यह जानकारी सामने आई है कि नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार, 20 नवंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा. तैयारियों का जायजा लेने के लिए नीतीश कुमार और सम्राट चौधरी ने गांधी मैदान का दौरा भी किया. अब यह तय हो गया है कि नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे.
शपथ ग्रहण एक औपचारिक प्रक्रिया है जिसमें मुख्यमंत्री और उनके मंत्री अपने पद की जिम्मेदारियों को निभाने की प्रतिज्ञा करते हैं.
समारोह की शुरुआत राज्यपाल के शब्दों से होती है. इसके बाद मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य मंत्री शपथ लेते हैं. शपथ में वे राज्य और संविधान की रक्षा करने, कानून का पालन करने और सभी लोगों को न्याय प्रदान करने का वचन देते हैं.
यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सभी पदाधिकारी निष्पक्ष और जिम्मेदार तरीके से अपने कर्तव्यों का पालन करें.
जब नीतीश कुमार शपथ लेंगे, तो राज्यपाल पहले कहेंगे “मैं…” और उसके बाद नीतीश कुमार शपथ पूरी करेंगे. शपथ में वे कहेंगे: “मैं, नीतीश कुमार, ईश्वर की शपथ लेता हूं कि मैं भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा. मैं भारत की संप्रभुता और अखंडता को अक्षुण्ण रखूंगा. मैं बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करूंगा और संविधान एवं कानून के अनुसार बिना किसी पक्षपात या द्वेष के सभी व्यक्तियों को न्याय प्रदान करूंगा.”
नीतीश कुमार शपथ लेने के बाद एक संवैधानिक परिपत्र पर भी हस्ताक्षर करेंगे. ये दस्तावेज उनके पद की वैधता और कर्तव्यों की पुष्टि करता है. राज्यपाल इसे सुरक्षित रखते हैं और यह हमेशा उनके पास रखा जाता है. शपथ में यह भी शामिल होता है कि मुख्यमंत्री किसी भी व्यक्ति के प्रति किसी भी तरह का अनुचित व्यवहार नहीं करेंगे, सिवाय इसके कि जब उनके कर्तव्यों का पालन आवश्यक हो.
शपथ ग्रहण केवल एक औपचारिकता नहीं है. यह लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करने का वचन है. इसके जरिए मुख्यमंत्री और उनके मंत्री यह दिखाते हैं कि वे जनता और कानून के प्रति निष्ठावान हैं. इस साल नीतीश कुमार की 10वीं बार मुख्यमंत्री बनने की शपथ उनके लंबे राजनीतिक करियर का एक महत्वपूर्ण अध्याय साबित होगी.