संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को बताया कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। संसद का यह मानसून सत्र करीब तीन महीने के अवकाश के बाद बुलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार नियमों के तहत किसी भी मुद्दे पर चर्चा को तैयार है।
इस सत्र में जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी पेश किया जा सकता है। खास बात यह है कि मोदी सरकार 3.0 के गठन और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह संसद का पहला सत्र होगा।
सरकार ने यह घोषणा विपक्ष की 'स्पेशल सेशन' की मांग के बीच की है। INDIA गठबंधन के 17 दलों ने 3 जून को दिल्ली में बैठक कर पीएम मोदी को विशेष सत्र बुलाने के लिए पत्र लिखा था।
विपक्ष ने पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, भारत-पाकिस्तान पर ट्रम्प की मध्यस्थता की पेशकश और CDS अनिल चौहान के भारतीय जेट पर दिए गए सिंगापुर वाले बयान को लेकर चर्चा की मांग की है।
पार्लियामेंट का मानसून सत्र पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार बुलाया गया है। पहलगाम में हुए हमले में 26 लोगों की जान गई थी। इसके बाद विपक्ष ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इसे मंजूरी नहीं दी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को एक्स पर लिखा, "हम, इंडिया अलायंस के नेता, 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद के घटनाक्रम पर चर्चा करने के लिए संसद का एक विशेष सत्र बुलाने के अपने सामूहिक और तत्काल अनुरोध को दोहराते हैं।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी जैसे प्रमुख विपक्षी नेताओं द्वारा हस्ताक्षरित पत्र का हवाला भी दिया है।
हालांकि, रिजिजू के अनुसार, मानसून सत्र में सभी मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है।