पाकिस्तान के जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. एक्स (पूर्व ट्विटर) पर किए गए पोस्ट में खान ने कहा कि जब वे प्रधानमंत्री थे और उन्होंने आसिम मुनीर को ISI प्रमुख के पद से हटाया, तो इसके बाद मुनीर ने उनकी पत्नी बुशरा बीबी से संपर्क करने की कोशिश की, जिसे बुशरा ने साफ़ इनकार कर दिया.
इमरान ने कहा, 'मेरी पत्नी का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. इसके बावजूद उन्हें 14 महीने की जेल की सजा और अमानवीय व्यवहार सिर्फ़ बदले की भावना में दिया गया. पाकिस्तान के इतिहास में किसी भी तानाशाही शासन में महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार नहीं हुआ.
उन्होंने दावा किया कि बुशरा बीबी पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं और आज तक कोई सबूत पेश नहीं किया गया। इमरान का कहना है कि जेल नियमों के अनुसार उन्हें 1 जून को पत्नी से मिलने की अनुमति थी, लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद यह अधिकार उनसे छीन लिया गया.
इमरान ने 9 मई 2023 की घटनाओं को "लंदन प्लान" का हिस्सा बताया, जिसका मकसद था उनकी पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को खत्म करना. उन्होंने कहा कि "हमें गैरकानूनी रूप से जेल में डाला गया, हमारे कार्यकर्ताओं पर गोलियां चलाई गईं, झूठे केस बनाए गए और लोकतांत्रिक जनादेश छीन लिया गया.
इमरान खान ने अदालतों और न्यायपालिका को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि "ना तो किसी अदालत ने 9 मई की असली CCTV फुटेज की मांग की, ना कोई जज इसमें हिम्मत दिखा पाया. हमें सबूतों के बिना सज़ा दी जा रही है।" उन्होंने मांग की कि 9 मई और 26 नवंबर 2024 को इस्लामाबाद में हुए कथित नरसंहारों की जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाया जाए.
इमरान ने चीफ जस्टिस काजी फैज़ ईसा की भी आलोचना की और कहा कि "पाकिस्तानी न्यायपालिका आज जितनी शर्मनाक स्थिति में है, वैसी पहले कभी नहीं रही. गौरतलब है कि हाल ही में एक पाकिस्तानी अदालत ने इमरान की पार्टी के 11 समर्थकों को 9 मई की हिंसा में दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है. इमरान खान फिलहाल रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं और उन पर कई केस चल रहे हैं.