भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.8% रही है। यह दर उम्मीद से ज़्यादा है क्योंकि अनुमान केवल 6.7% का था। पिछले साल की इसी अवधि में जीडीपी वृद्धि 6.5% थी, यानी इस बार 1.3% की अतिरिक्त बढ़त दर्ज की गई।
पिछली पाँच तिमाहियों में यह सबसे तेज़ी से हुई वृद्धि है। इससे पहले जनवरी-मार्च 2024 की तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.4% रही थी। इस लिहाज से भारत ने एक बार फिर साबित किया है कि वह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है। तुलना करें तो इस साल चीन की जीडीपी वृद्धि दर केवल 5.2% रही।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के अनुसार, भारत की सेवा क्षेत्र और कृषि क्षेत्र में सबसे ज्यादा तेजी दिखी। सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 9.3% रही, जबकि पिछले साल यह 6.8% थी। कृषि क्षेत्र ने भी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया और इस साल 3.7% की वृद्धि दिखाई, जो पिछले साल मात्र 1.5% थी। हालांकि, निर्माण क्षेत्र की रफ्तार कुछ धीमी पड़ी और यह 10.1% से घटकर 7.6% पर आ गई।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने इस वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.5% लगाया था। आरबीआई के अनुसार, बेहतर मानसून, कम महंगाई, बढ़ते उत्पादन, और सरकार के बड़े पैमाने पर पूँजी निवेश से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। साथ ही अनुकूल वित्तीय माहौल, नीतिगत समर्थन और घरेलू मांग भी आर्थिक विकास को गति दे रहे हैं।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि आने वाले महीनों में निर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्र में और तेजी देखी जाएगी। इसका मतलब है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत दिशा में बढ़ रही है और आने वाले समय में वैश्विक स्तर पर इसकी पकड़ और मजबूत होगी।