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कार का इंश्योरेंस लेते वक्त, इन बातों का रखें खास ध्यान – एक चूक पड़ सकती है भारी!

Car Insurance Tips : कार इंश्योरेंस सिर्फ कानूनी जरूरत नहीं, सुरक्षा का जरूरी साधन है. सही पॉलिसी, जरूरी ऐड-ऑन, आसान क्लेम प्रोसेस और समय पर रिन्यूअल से भविष्य की परेशानी से बचा जा सकता है.

👤 Samachaar Desk 15 Sep 2025 08:24 PM

Car Insurance Tips : जब भी आप कोई कार खरीदते हैं, तो उसके साथ एक बड़ी जिम्मेदारी भी आती है. सड़कों पर रोज़ाना सफर करते समय कभी भी दुर्घटना हो सकती है. ऐसे में कार इंश्योरेंस न सिर्फ आर्थिक नुकसान से बचाता है, बल्कि आपकी और आपकी कार की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है. इसलिए इसे हल्के में लेना भारी पड़ सकता है.

बाजार में इंश्योरेंस कंपनियों की भरमार है और उनके पास कई तरह की पॉलिसियां उपलब्ध होती हैं. लेकिन हर पॉलिसी हर व्यक्ति के लिए उपयुक्त नहीं होती. आपको अपनी जरूरत, बजट और कार के इस्तेमाल के आधार पर सही इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव करना चाहिए.

थर्ड पार्टी नहीं, कम्प्रीहेंसिव पॉलिसी है बेहतर विकल्प

भारत में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना कानूनी रूप से जरूरी है, लेकिन यह आपकी कार को नुकसान पहुंचने पर कोई मदद नहीं करता. अगर आप अपनी कार और खुद दोनों की सुरक्षा चाहते हैं, तो कम्प्रीहेंसिव पॉलिसी लेना ज्यादा समझदारी है. यह दुर्घटना, चोरी, आग या प्राकृतिक आपदा जैसी स्थितियों में भी कवर देती है.

अक्सर लोग ऐड-ऑन कवर को नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि यही सुविधाएं मुश्किल वक्त में काम आती हैं. जीरो डेप्रिसिएशन, रोडसाइड असिस्टेंस और इंजन प्रोटेक्शन जैसे ऐड-ऑन आपके इंश्योरेंस कवरेज को और मजबूत बनाते हैं. इसलिए अपनी जरूरत के हिसाब से सही ऐड-ऑन जरूर जोड़ें.

क्लेम प्रोसेस हो आसान

इंश्योरेंस लेना जितना जरूरी है, उतना ही अहम है उसका क्लेम करना. अगर इंश्योरेंस कंपनी का क्लेम प्रोसेस जटिल और समय लेने वाला है, तो आपको परेशानी हो सकती है. इसलिए हमेशा ऐसी कंपनी का चुनाव करें जो तेज और पारदर्शी क्लेम प्रोसेस देती हो.

कम प्रीमियम देखकर खुश मत होइए, यह देखना जरूरी है कि पॉलिसी में क्या-क्या कवर किया जा रहा है. इसके साथ ही नो क्लेम बोनस (NCB) का लाभ उठाना न भूलें. हर साल अगर आप क्लेम नहीं करते, तो यह बोनस आपके प्रीमियम पर अच्छी बचत दिला सकता है.

समय पर रिन्यूअल न भूलें

आखिर में, सबसे जरूरी बात – पॉलिसी को समय पर रिन्यू करना. एक दिन की देरी भी आपकी पॉलिसी को लैप्स कर सकती है, जिससे फिर से पूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. इसलिए रिन्यूअल डेट हमेशा ध्यान में रखें और समय पर कार्रवाई करें.