27 सितंबर बीएसएनएल के लिए एक यादगार दिन साबित होने जा रहा है. भारत की सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल अब देश के डिजिटल भविष्य को नई दिशा देने के लिए पूरी तरह तैयार है. टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 सितंबर को बीएसएनएल के स्वदेशी 4जी नेटवर्क का उद्घाटन करेंगे. यह नेटवर्क न सिर्फ पूरी तरह भारत में बना है, बल्कि क्लाउड आधारित तकनीक पर आधारित है, जो इसे भविष्य की 5जी सेवाओं के लिए भी सक्षम बनाता है.
बीएसएनएल 4जी नेटवर्क का रोलआउट 98,000 साइट्स पर किया जाएगा, जिससे देश के कई इलाकों में बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस लॉन्चिंग को ओडिशा के झारसुगुड़ा से करेंगे. इस पहल के साथ भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जो टेलीकॉम उपकरण बनाने में सक्षम हैं, जैसे कि स्वीडन, डेनमार्क, चीन और दक्षिण कोरिया.
इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के पीछे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. रिपोर्ट्स के अनुसार, बीएसएनएल के कोर नेटवर्क को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलिमैटिक्स ने डिजाइन किया है, जबकि रेडियो एक्सेस नेटवर्क और पूरे सिस्टम का इंटीग्रेशन TCS द्वारा किया गया है.इस तकनीकी सहयोग से बीएसएनएल का 4जी नेटवर्क विश्वस्तरीय मानकों पर खड़ा होगा.
प्रधानमंत्री मोदी 100% 4G सैचुरेशन नेटवर्क को भी लॉन्च करेंगे, जिससे लगभग 29,000 से 30,000 गांवों तक इंटरनेट पहुंच सकेगा. यह कदम दूर-दराज के क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए बेहद अहम है. इससे न केवल लोगों को बेहतर सरकारी सेवाएं मिलेंगी, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में भी नए अवसर खुलेंगे.
बीएसएनएल का स्वदेशी 4जी नेटवर्क भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह प्रोजेक्ट भारत की तकनीकी क्षमता को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगा और देश को 5जी समेत एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के लिए तैयार करेगा. इस पहल से भारत का टेलीकॉम क्षेत्र नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा और डिजिटल इंडिया के सपनों को साकार करने में मदद मिलेगी.
टेलीकॉम टॉक की रिपोर्ट के अनुसार, बीएसएनएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी बताया कि जल्द ही दिल्ली, मुंबई जैसे प्रमुख महानगरों में 5G सेवाएं शुरू की जाएंगी. यह संकेत है कि बीएसएनएल का यह 4जी नेटवर्क न केवल आज के लिए है, बल्कि आने वाले समय में भी भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधार बनेगा.