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Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025 : जानिए कैसे तय होते हैं मतदान केंद्र और मतदाताओं की संख्या

Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025 : बिहार चुनाव 2025 में मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा. चुनाव आयोग हर बूथ पर 1500 मतदाताओं की सीमा रखता है और मतदान केंद्रों को 2 किलोमीटर की दूरी के भीतर स्थापित करता है.

👤 Samachaar Desk 05 Nov 2025 07:50 PM

Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025 : बिहार में इस बार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर तैयारी जोरों पर है. 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा और परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. इस बीच एक अहम सवाल यह है कि आखिर चुनाव आयोग यह कैसे तय करता है कि किस मतदान केंद्र (बूथ) पर कितने मतदाता वोट डालेंगे और वे केंद्र कहां स्थित होंगे? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं.

मतदान केंद्रों की संख्या और सीमा कैसे तय होती है?

चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि हर मतदाता आसानी से, सुरक्षित तरीके से और बिना किसी परेशानी के मतदान कर सके. इसके लिए आयोग “मतदान केंद्रों के युक्तिकरण” (Rationalization of Polling Stations) नामक प्रणाली अपनाता है.

आमतौर पर, प्रत्येक मतदान केंद्र पर 1500 मतदाताओं की सीमा तय की जाती है. इससे भीड़ कम रहती है, कतारें लंबी नहीं होतीं और मतदान प्रक्रिया पूरे दिन व्यवस्थित रूप से चलती रहती है. हालांकि, यह सीमा हर क्षेत्र में एक जैसी नहीं होती.

पहाड़ी इलाकों, जंगल वाले क्षेत्रों या कम आबादी वाले गांवों में कम मतदाताओं के लिए भी मतदान केंद्र बनाए जाते हैं, ताकि सभी लोगों को मतदान का अवसर मिले.

मतदान केंद्र तक पहुंचने की दूरी का नियम

चुनाव आयोग का एक और महत्वपूर्ण नियम यह है कि किसी भी मतदाता को अपने मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए अधिकतम 2 किलोमीटर से ज्यादा यात्रा न करनी पड़े. यह नियम खासकर दूर-दराज, आदिवासी इलाकों और छोटे गांवों के लोगों के लिए बनाया गया है, ताकि वे बिना कठिनाई के वोट डाल सकें और मतदान प्रतिशत बढ़ाया जा सके.

भीड़भाड़ वाले इलाकों के लिए सहायक केंद्र

कई बार किसी क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 1500 से ज्यादा हो जाती है. ऐसे मामलों में सहायक मतदान केंद्र (Auxiliary Booths) बनाए जाते हैं. ये सहायक केंद्र मुख्य केंद्र के पास ही स्थापित किए जाते हैं और इन्हें पहचानने के लिए मतदान केंद्र की संख्या के साथ A, B, C जैसे अक्षर जोड़ दिए जाते हैं. इससे मतदाताओं को भी भ्रम नहीं होता और मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती है.

मतदान केंद्र कहां बनाए जाते हैं?

आमतौर पर मतदान केंद्र सरकारी भवनों जैसे - स्कूल, पंचायत भवन, या सामुदायिक हॉल में बनाए जाते हैं. इसका कारण यह है कि ऐसे भवन सार्वजनिक होते हैं, सबके लिए सुलभ रहते हैं और लोगों के लिए पहचानना आसान होता है.

कैसे होती है मतदान केंद्र तय करने की प्रक्रिया?

1. सबसे पहले हर विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची का विश्लेषण किया जाता है.

2. इसके आधार पर यह तय होता है कि उस क्षेत्र में कितने मतदाता हैं.

3. फिर दूरी और संख्या के नियमों को ध्यान में रखकर जिला निर्वाचन अधिकारी मतदान केंद्रों की सूची तैयार करते हैं.

4. यह सूची राजनीतिक दलों को दी जाती है ताकि वे सुझाव या आपत्तियां दर्ज करा सकें.

5. समीक्षा के बाद सूची को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और अंत में भारत निर्वाचन आयोग के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाता है.