बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है. दोनों दल 203 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेंगे, जबकि अपने सहयोगियों के लिए लगभग 40 सीटें छोड़ी जाएंगी. यह समझौता एनडीए गठबंधन के लिए चुनावी समीकरण को मजबूत करने वाला माना जा रहा है.
सूत्रों के अनुसार इस बार जेडीयू 102 सीटों और बीजेपी 101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. एनडीए के अन्य सहयोगी दलों के लिए छोड़ी गई लगभग 40 सीटों से गठबंधन का व्यापक कवरेज बना रहेगा. यह फॉर्मूला 2020 के चुनाव से थोड़ा अलग है, लेकिन दोनों पार्टियों ने तालमेल बनाए रखते हुए संतुलित बंटवारा किया है. इससे एनडीए ने विपक्षी गठबंधन के खिलाफ एकजुटता का संदेश भी दिया है.
जेडीयू उन सीटों पर चुनावी मैदान में उतरेगी जहाँ उसका परंपरागत प्रभाव मजबूत है. इनमें महनार, बडहडीया, वैशाली, अमरपुर, वाल्मीकिनगर, फुलपरास, धमदाहा, कुचायकोट, बरारी, रून्नी सैदपुर, हरलाखी, सुपौल, मोकामा, पिपरा, केशरिया, संदेश, आलमनगर, जहानाबाद, घोसी, बिहारीगंज, हथुआ, भोरे, सरायरंजन, सोनबरसा, शिवहर, कांटी, वारिस नगर, बरबीघा, बेलागंज, बहादुरपुर और कल्याणपुर शामिल हैं.
बीजेपी का फोकस उन क्षेत्रों पर रहेगा जहाँ उसकी पकड़ मजबूत है. इनमें प्राणपुर, बरूराज, तरारी, बेगूसराय, लखीसराय, पाटेपुर, जाले, दरभंगा, सहरसा, साहेबगंज, कटिहार, वारिसलीगंज, जमुई, बेतिया, मधुबन, झंझारपुर, दरौंधा, गोरियाकोठी, अमनौर, हाजीपुर, बिहारशरीफ, दीघा, बांकीपुर, रीगा, बिस्फी, छातापुर, बनमंखी, कुम्हरार, पटना साहिब, दानापुर, मनेर और बिक्रम जैसी सीटें शामिल हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव इस बार दो चरणों में होंगे, पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा 11 नवंबर को. मतगणना 14 नवंबर को होगी. सीट बंटवारे और गठबंधन के बाद एनडीए का मकसद है कि दोनों पार्टियों की मजबूत पकड़ के साथ विपक्षी गठबंधन को मात दी जा सके.
बीजेपी और जेडीयू ने तालमेल के साथ सीटों का बंटवारा करके चुनावी तैयारी पूरी कर ली है. जेडीयू और बीजेपी दोनों की मजबूत पकड़ वाले क्षेत्रों पर उम्मीदवार उतारना और सहयोगियों को 40 सीटें देना एनडीए को चुनाव में बढ़त दिलाने की रणनीति का हिस्सा है. अब बिहार की राजनीति में आखिरी समय तक रोमांचक मुकाबला देखने को मिलेगा.