Arthritis : आर्थराइटिस सिर्फ एक उम्रदराज लोगों की बीमारी नहीं है. यह किसी भी उम्र में हो सकती है और अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो जीवन की गुणवत्ता को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है. इस बीमारी में जोड़ों में सूजन, दर्द, अकड़न और चलने-फिरने में परेशानी होती है. आइए आसान भाषा में समझते हैं कि आर्थराइटिस क्या है, इसके प्रकार, लक्षण और इससे बचने के उपाय क्या हैं.
आर्थराइटिस कोई एक बीमारी नहीं, बल्कि यह कई तरह के जोड़ों के विकारों का समूह है. इसमें सबसे आम दो प्रकार हैं:
1. ओस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis):
इसमें जोड़ों के बीच मौजूद नरम ऊतक (कार्टिलेज) घिसने लगते हैं, जिससे हड्डियां आपस में रगड़ खाती हैं और दर्द होता है. यह उम्र बढ़ने के साथ अधिक देखने को मिलता है.
2. रूमेटॉयड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis):
ये एक ऑटोइम्यून स्थिति है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही जोड़ों पर हमला करता है. इससे सूजन, लालिमा और दर्द होता है.
इसके अलावा गाउट (Gout) और इनफ्लेमेटरी आर्थराइटिस भी इसके अन्य प्रकार हैं.
जोड़ों में दर्द और सूजन सुबह उठते समय जोड़ों में अकड़न प्रभावित हिस्से में गर्माहट और लालिमा चलने-फिरने में परेशानी मांसपेशियों में कमजोरी और थकान
ये लक्षण शुरुआती चरण में हल्के हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ बढ़ सकते हैं. खासतौर पर घुटनों, कूल्हों, उंगलियों और कलाई के जोड़ों पर इसका असर अधिक होता है.
TV 9 से बातचीत के दौरान डॉ. अखिलेश यादव (मैक्स हॉस्पिटल) के अनुसार, आर्थराइटिस के मुख्य कारण हैं:
उम्र बढ़ना जोड़ों पर बार-बार दबाव पुरानी चोट या इंजरी अनुवांशिक (जेनेटिक) कारण ऑटोइम्यून रिएक्शन धूम्रपान, खराब डाइट और मोटापा
महिलाओं में रूमेटॉयड आर्थराइटिस का खतरा अधिक पाया गया है.
नियमित हल्की एक्सरसाइज करें, जैसे वॉकिंग या स्ट्रेचिंग. संतुलित आहार लें, जिसमें कैल्शियम और विटामिन D शामिल हो. वजन कंट्रोल रखें, क्योंकि मोटापा जोड़ों पर अधिक दबाव डालता है. एक ही पोजिशन में लंबे समय तक न बैठें या खड़े न रहें. धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें. दर्द या सूजन होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
आर्थराइटिस को समय पर पहचान कर सही इलाज और लाइफस्टाइल में बदलाव से कंट्रोल किया जा सकता है. अगर आप जोड़ों में दर्द या अकड़न महसूस कर रहे हैं तो इसे नजरअंदाज न करें. जल्दी इलाज, बेहतर जीवन की कुंजी है.