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Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि के बाद जौ का क्या करें? जानें धार्मिक महत्व और उपाय

शारदीय नवरात्रि 2025 के बाद घर में बोई गई जौ को बेकार न समझें. जानें धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जौ से जुड़े उपाय, जो दूर करेंगे नकारात्मक ऊर्जा और दिलाएंगे सुख-समृद्धि.

👤 Samachaar Desk 25 Sep 2025 04:20 PM

शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 22 सितंबर से हो चुकी है. यह पर्व देवी दुर्गा की भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने का विशेष समय माना जाता है. नवरात्रि के दौरान घर-घर में जौ बोने की परंपरा है, जिसे शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. लेकिन नवरात्रि के समापन के बाद अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि इस पवित्र जौ का क्या करना चाहिए? आइए जानते हैं नवरात्रि के बाद जौ से जुड़े कुछ खास धार्मिक उपाय और मान्यताएं.

जौ से आती है आर्थिक समृद्धि

धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान जौ बोना घर में आर्थिक संपन्नता और समृद्धि लाता है. यही कारण है कि इसे अत्यंत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि यदि नवरात्रि का जौ किसी बीमार व्यक्ति के पास रख दिया जाए तो इससे उसके रोगों से मुक्ति मिलने में मदद मिलती है. इसे सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य सुधार का प्रतीक माना जाता है.

नवरात्रि के बाद जौ को पीले कपड़े में बांधकर घर के मंदिर या पूर्व दिशा में रखने से घर में कभी नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती. यह उपाय घर के वातावरण को पवित्र और शांत बनाए रखता है.

धन लाभ के लिए तिजोरी में रखें

यदि आपके जीवन में आर्थिक तंगी बनी रहती है, तो नवरात्रि के बाद जौ को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें. मान्यता है कि ऐसा करने से धीरे-धीरे धन लाभ के योग बनने लगते हैं और आर्थिक संकट दूर होता है.

नवरात्रि में बोए गए जौ को अष्टमी या नवमी के दिन हवन के दौरान आहुति के रूप में प्रयोग किया जा सकता है. ऐसा करने से घर और जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.

नदी में प्रवाहित करें

यदि आप चाहें तो नवरात्रि के बाद जौ को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित भी कर सकते हैं. इसे शुद्धिकरण और धार्मिक पुण्य प्राप्त करने का एक सरल उपाय माना जाता है.

नवरात्रि में बोए गए जौ केवल परंपरा का हिस्सा नहीं बल्कि सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य, समृद्धि और धार्मिक पुण्य से जुड़े होते हैं. इनका सही तरीके से उपयोग करने से जीवन में सुख-शांति और प्रगति के द्वार खुलते हैं.