सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे पवित्र माना जाता है. इस साल 21 जुलाई 2025 को सावन का दूसरा सोमवार है, जो कि कामिका एकादशी के साथ पड़ रहा है. एक ही दिन में दो बड़े पर्व होने से इस दिन का धार्मिक महत्व कई गुना बढ़ गया है. शिवभक्त इस अवसर पर व्रत, रुद्राभिषेक और विशेष पूजन करते हैं ताकि उन्हें शिव कृपा और जीवन में सुख-शांति प्राप्त हो.
इस विशेष दिन पर कई शुभ योग बन रहे हैं. सुबह से शाम 6:39 बजे तक वृद्धि योग रहेगा, उसके बाद ध्रुव योग शुरू होगा. रोहिणी नक्षत्र रात 9:07 बजे तक रहेगा और फिर मृगशिरा नक्षत्र का आगमन होगा. ये सभी योग शिव पूजन के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं.
21 जुलाई को शिव पूजा के लिए कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं:
1 ब्रह्म मुहूर्त: 04:14 AM से 04:55 AM
2 अभिजीत मुहूर्त: 12:00 PM से 12:55 PM
3 विजय मुहूर्त: 02:44 PM से 03:39 PM
4 गोधूलि मुहूर्त: 07:17 PM से 07:38 PM
5 अमृत काल: 06:09 PM से 07:38 PM
6 अमृत सिद्धि योग: रात 09:07 PM से 22 जुलाई की सुबह 05:37 AM तक
इनमें से किसी भी समय रुद्राभिषेक करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
पूजन की शुरुआत स्नान और शुद्ध वस्त्र पहनने के बाद गणेश जी के ध्यान से करें. फिर मिट्टी का शिवलिंग बनाएं और उसे उत्तर दिशा में रखें. पूजा करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख रखें. गंगाजल से शिवलिंग का स्नान करवाकर रुद्राभिषेक शुरू करें. फिर क्रमशः गन्ने का रस, गाय का दूध, शहद, घी और मिश्री से अभिषेक करें. प्रत्येक सामग्री के बाद पवित्र जल जरूर चढ़ाएं. पूजन में बिल्व पत्र, सफेद फूल, भांग, धतूरा, शमी पत्र आदि अर्पित करें. अंत में शिव आरती करें और क्षमा प्रार्थना करें.
इस दिन शिव चालीसा, शिव तांडव स्तोत्र या रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है. यदि संभव हो तो विद्वान पंडित से रुद्राभिषेक करवाएं या श्रद्धा से स्वयं विधिपूर्वक पूजन करें.