Akshay Navami 2025 : हिंदू धर्म में अक्षय नवमी का विशेष महत्व माना गया है. यह पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किए गए शुभ कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाते यानी इनका अक्षय फल मिलता है.
पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने आंवले के पेड़ में निवास किया था. इसलिए इस दिन आंवले की पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है. अक्षय नवमी को आंवला नवमी भी कहा जाता है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और आंवले के नीचे बैठकर भोजन करते हैं.
इस दिन कुछ चीजें खरीदना शुभ माना जाता है, क्योंकि माना जाता है कि ये वस्तुएं घर में धन-धान्य और सौभाग्य लाती हैं.
सोना, चांदी, तांबा या पीतल जैसी धातुएं खरीदना मंगलकारी होता है. दीपक, कलश, पूजा के पात्र और तुलसी का पौधा खरीदने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. आंवले का पौधा लगाना या उसकी पूजा करना बहुत शुभ होता है. नई चीज खरीदते समय दान का भाव रखें, इससे पुण्य कई गुना बढ़ जाता है.
ज्योतिष के अनुसार, कुछ वस्तुएं इस दिन खरीदना अशुभ माना गया है.
फैशन आभूषण, महंगे कपड़े या दिखावे की चीजें खरीदने से बचें. कर्ज लेकर कोई वस्तु न खरीदें, इसे अशुभ माना गया है. इस दिन फिजूलखर्ची और भौतिक वस्तुओं की अति से भी परहेज करें.
अक्षय नवमी के दिन दान करना अत्यंत शुभ माना गया है.
गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, कपड़े या धन का दान करें. सात अनाज (गेहूं, चावल, जौ, तिल, चना, मक्का और बाजरा) का दान घर में अन्न की बरकत बढ़ाता है. कंबल, वस्त्र, या धातु की वस्तुएं दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
अक्षय नवमी सिर्फ खरीदारी का दिन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और दान के महत्व को समझने का अवसर है. इस दिन श्रद्धा और सादगी से पूजा करें, आंवले का पूजन करें और दान के माध्यम से दूसरों की सहायता करें. इससे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है.