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लड़कों ने दिखाया ज्यादा भरोसा, AI चैटबॉट्स बने उनके साथी, आंकड़े कर देंगे हैरान

टीनएजर्स अकेलापन महसूस कर रहे हैं और भावनात्मक सहारे के लिए AI चैटबॉट्स जैसे ChatGPT और Google Gemini का इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं, लेकिन एक्सपर्ट इसका मानसिक स्वास्थ्य पर असर बता रहे हैं.

👤 Samachaar Desk 26 Nov 2025 07:58 PM

दुनियाभर में किशोरों के बीच अकेलापन तेजी से बढ़ रहा है. अब वे भावनात्मक सहारे और सलाह के लिए AI चैटबॉट्स की तरफ अधिक मुड़ रहे हैं. ChatGPT और Google Gemini जैसे टूल अब सिर्फ होमवर्क या जानकारी देने तक सीमित नहीं रहे, बल्कि किशोरों के लिए डिजिटल साथी बनते जा रहे हैं.

एक नई स्टडी में पाया गया कि हर 5 में से 2 टीनएजर्स सलाह और भावनात्मक सपोर्ट के लिए AI का उपयोग कर रहे हैं. एक्सपर्ट इसे सामाजिक डिस्कनेक्शन के बढ़ते संकेत के रूप में देख रहे हैं.

स्टडी में क्या मिला

सर्वे में 11 से 18 साल के 5,000 से ज्यादा यूके के टीनएजर्स शामिल थे. इसमें यह सामने आया कि अधिक उम्र के टीनएजर्स AI चैटबॉट्स पर ज्यादा भरोसा करने लगे हैं. 18 साल के कई किशोर मानते हैं कि वे ChatGPT या Google Gemini से मार्गदर्शन लेते हैं.

रिसर्चर्स के अनुसार, ये चैटबॉट्स किशोरों के लिए नए प्रकार के डिजिटल साथी बन गए हैं, जो सिर्फ सवालों के जवाब देने तक सीमित नहीं हैं.

लड़कों में ज्यादा इस्तेमाल

सर्वे में यह भी पता चला कि लड़के लड़कियों की तुलना में AI चैटबॉट्स का अधिक उपयोग कर रहे हैं. वे न सिर्फ पढ़ाई और प्रैक्टिकल जानकारी के लिए, बल्कि भावनात्मक बातचीत और साथी बनने के लिए भी AI पर निर्भर हैं. उम्र के साथ लड़कों में यह निर्भरता बढ़ती दिखी, जो सामाजिक बातचीत और व्यवहार में दूरी का संकेत दे सकती है.

होमवर्क नहीं, अब भावनात्मक सहारा

करीब 14% टीनएजर्स ने दोस्ती और रिश्तों से जुड़ी समस्याओं पर सलाह के लिए चैटबॉट का उपयोग किया. 11% ने मानसिक स्वास्थ्य की चिंताओं पर बात की. 12% ने कहा कि उन्हें सिर्फ किसी से बात करने की जरूरत थी. आधे से ज्यादा प्रतिभागी रोजमर्रा की परेशानियों और तनाव को समझने के लिए AI टूल्स का इस्तेमाल करते हैं.

APA की चेतावनी

अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (APA) ने चेतावनी दी है कि AI चैटबॉट्स तात्कालिक राहत जरूर दे सकते हैं, लेकिन लंबे समय में किशोरों को वास्तविक सामाजिक संबंधों से दूर कर सकते हैं.

एक्सपर्ट का कहना है कि AI के साथ बढ़ता भावनात्मक जुड़ाव अकेलेपन को और गहरा कर सकता है और यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है.