दुनियाभर में किशोरों के बीच अकेलापन तेजी से बढ़ रहा है. अब वे भावनात्मक सहारे और सलाह के लिए AI चैटबॉट्स की तरफ अधिक मुड़ रहे हैं. ChatGPT और Google Gemini जैसे टूल अब सिर्फ होमवर्क या जानकारी देने तक सीमित नहीं रहे, बल्कि किशोरों के लिए डिजिटल साथी बनते जा रहे हैं.
एक नई स्टडी में पाया गया कि हर 5 में से 2 टीनएजर्स सलाह और भावनात्मक सपोर्ट के लिए AI का उपयोग कर रहे हैं. एक्सपर्ट इसे सामाजिक डिस्कनेक्शन के बढ़ते संकेत के रूप में देख रहे हैं.
सर्वे में 11 से 18 साल के 5,000 से ज्यादा यूके के टीनएजर्स शामिल थे. इसमें यह सामने आया कि अधिक उम्र के टीनएजर्स AI चैटबॉट्स पर ज्यादा भरोसा करने लगे हैं. 18 साल के कई किशोर मानते हैं कि वे ChatGPT या Google Gemini से मार्गदर्शन लेते हैं.
रिसर्चर्स के अनुसार, ये चैटबॉट्स किशोरों के लिए नए प्रकार के डिजिटल साथी बन गए हैं, जो सिर्फ सवालों के जवाब देने तक सीमित नहीं हैं.
सर्वे में यह भी पता चला कि लड़के लड़कियों की तुलना में AI चैटबॉट्स का अधिक उपयोग कर रहे हैं. वे न सिर्फ पढ़ाई और प्रैक्टिकल जानकारी के लिए, बल्कि भावनात्मक बातचीत और साथी बनने के लिए भी AI पर निर्भर हैं. उम्र के साथ लड़कों में यह निर्भरता बढ़ती दिखी, जो सामाजिक बातचीत और व्यवहार में दूरी का संकेत दे सकती है.
करीब 14% टीनएजर्स ने दोस्ती और रिश्तों से जुड़ी समस्याओं पर सलाह के लिए चैटबॉट का उपयोग किया. 11% ने मानसिक स्वास्थ्य की चिंताओं पर बात की. 12% ने कहा कि उन्हें सिर्फ किसी से बात करने की जरूरत थी. आधे से ज्यादा प्रतिभागी रोजमर्रा की परेशानियों और तनाव को समझने के लिए AI टूल्स का इस्तेमाल करते हैं.
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (APA) ने चेतावनी दी है कि AI चैटबॉट्स तात्कालिक राहत जरूर दे सकते हैं, लेकिन लंबे समय में किशोरों को वास्तविक सामाजिक संबंधों से दूर कर सकते हैं.
एक्सपर्ट का कहना है कि AI के साथ बढ़ता भावनात्मक जुड़ाव अकेलेपन को और गहरा कर सकता है और यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है.