पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को रावी नदी पर निर्मित शाहपुर कंडी बांध परियोजना का औपचारिक उद्घाटन किया। केंद्र सरकार द्वारा इसे राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित किया गया है। लगभग 3,400 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह परियोजना पंजाब और जम्मू-कश्मीर दोनों राज्यों की बिजली और सिंचाई जरूरतों को पूरा करने में अहम साबित होगी।
यह बांध रणजीत सागर बांध के नीचे की ओर स्थित है और इसे पानी की बाढ़ नियंत्रण, बिजली उत्पादन और कृषि भूमि की सिंचाई को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।
परियोजना के तहत दो आधुनिक विद्युत गृह बनाए गए हैं जिनकी संयुक्त क्षमता 206 मेगावाट है। इससे प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं को काफी हद तक पूरा किया जा सकेगा। समझौते के अनुसार, यहां से उत्पन्न बिजली में से 20 प्रतिशत हिस्सा जम्मू-कश्मीर को दिया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में 32,000 हेक्टेयर
कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इससे किसानों की उत्पादन क्षमता और कृषि आय में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह परियोजना भारत की जल रणनीति के लिए भी महत्वपूर्ण कदम है। बांध बनने से रावी नदी का पानी बेहतर तरीके से उपयोग में लाया जा सकेगा और अनियंत्रित जल प्रवाह को पाकिस्तान की ओर बहने से रोका जा सकेगा।
बांध निर्माण फरवरी 2024 में पूरा हुआ।
नवंबर 2024 में जलाशय भरने की प्रक्रिया शुरू की गई।
मई 2025 में पूर्ण क्षमता का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हुआ।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इस क्षेत्र में कृषि सुविधा सीमित होने के कारण सरकार अब यहां पर्यटन केंद्र और मत्स्य पालन हब विकसित करेगी। उन्होंने कहा कि पठानकोट एयरपोर्ट इस विकास में “उत्प्रेरक” की भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा,“शाहपुर कंडी बांध, पंजाब के लिए भाखड़ा और रणजीत सागर बांध जितना ही महत्वपूर्ण है। यह परियोजना प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई गति देगी।”