कपूरथला पुलिस ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर एक बड़े जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। यह नेटवर्क भारत की सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारी पाकिस्तान को भेज रहा था। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
कपूरथला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) गौरव तूरा ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि राजा नाम का व्यक्ति, जो कपूरथला की सैन्य छावनी में सफाई कर्मचारी के रूप में काम करता है, पाकिस्तानी एजेंटों से संपर्क में था। राजा पर आरोप है कि उसने अपने मोबाइल फोन से सैन्य क्षेत्रों की गुप्त तस्वीरें खींचीं और संवेदनशील जानकारी पैसों के बदले पाकिस्तान को भेजी।
सूचना मिलने के बाद पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने एक संयुक्त अभियान शुरू किया। 28 अक्टूबर को कपूरथला के कोतवाली थाने में शासकीय गोपनीयता अधिनियम 1923 की धारा 3, 4, 5 और भारतीय दंड संहिता की धारा 152 के तहत मामला दर्ज किया गया। राजा को उसी दिन गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की गई।
पूछताछ के दौरान राजा ने जसकरन सिंह का नाम बताया, जो मोगा जिले के धर्मकोट का निवासी है। राजा ने कबूल किया कि जसकरन उसे गोपनीय जानकारी भेजने के लिए पैसे देता था। 29 अक्टूबर को जसकरन को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उसने बताया कि वह गुरनाम सिंह नाम के व्यक्ति के संपर्क में था, जो फिरोजपुर में रहता है। गुरनाम सिंह ने उन्हें सेना की जानकारी इकट्ठा कर पाकिस्तान भेजने के लिए कहा था।
गुरनाम सिंह को 30 अक्टूबर को फिरोजपुर से गिरफ्तार किया गया। तीनों आरोपियों ने माना कि वे पैसे के लालच में देश की सुरक्षा से जुड़ी सूचनाएं लीक कर रहे थे। पुलिस ने उनके पास से मोबाइल फोन और डिजिटल उपकरण जब्त कर लिए हैं, जिन्हें अब फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
पुलिस का कहना है कि फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद और भी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का पता चल सकता है। जांच में यह भी सामने आया कि जसकरन और गुरनाम सिंह के खिलाफ पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं। कपूरथला पुलिस ने कहा कि इस जासूसी नेटवर्क को खत्म करने से देश की सुरक्षा को बड़ा फायदा हुआ है।