बिहार के मोकामा में जनसुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने नया मोड़ दे दिया है. अब तक माना जा रहा था कि उनकी मौत गोली लगने से हुई थी, लेकिन रिपोर्ट ने पूरी कहानी पलट दी है.
तीन डॉक्टरों की मेडिकल टीम द्वारा तैयार की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, दुलारचंद यादव की मौत गोली लगने से नहीं, बल्कि फेफड़ा फटने और कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि उनके सीने की कई पसलियां टूटी थीं, और पीछे से किसी भारी चीज़ के टकराने के कारण वे नीचे गिर पड़े. इसी वजह से उनके फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा, जिससे उनकी मौत हो गई.
यह रिपोर्ट तीन डॉक्टरों की टीम ने तैयार की, जिन्होंने शव का पोस्टमार्टम किया. चुनाव आयोग ने भी इस मामले पर गंभीरता दिखाई है और डीजीपी से पूरी रिपोर्ट तलब की है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, तकनीकी टीम ने घटना से जुड़े 100 से अधिक वायरल वीडियो की जांच की है. इनमें से किसी भी वीडियो में अनंत सिंह नजर नहीं आए. हालांकि, एक तस्वीर में उनका भतीजा राजवीर दिखाई दिया है. अब तक तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जो अनंत सिंह के समर्थक बताए जा रहे हैं.
जांच में यह भी सामने आया है कि पथराव के दौरान जिन पत्थरों का इस्तेमाल हुआ, वे टाल इलाके के नहीं थे. ये बोल्डर पत्थर थे, जिन्हें गाड़ियों से लाया गया होगा. वर्तमान में ग्रामीण एसपी की अगुवाई में बनी विशेष टीम हर पहलू से मामले की जांच कर रही है.
घटना के अगले दिन यानी शुक्रवार को पुलिस ने तीन प्राथमिकी दर्ज कीं और दो लोगों को गिरफ्तार किया. मृतक के पोते की शिकायत पर दर्ज केस में मोकामा से जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह और चार अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है.
गुरुवार को दुलारचंद यादव जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार कर रहे थे. इसी दौरान भीड़ में तनाव बढ़ा और हमले में दुलारचंद की जान चली गई. अब पुलिस मामले की तह तक पहुंचने में जुटी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर नई दिशा में जांच शुरू हो गई है.
कुल मिलाकर, मोकामा में हुई यह मौत अब राजनीतिक तूल पकड़ चुकी है. रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि मामला केवल गोलीकांड नहीं, बल्कि भीड़ और हिंसा की चपेट में आई एक दर्दनाक मौत का है.