पंजाब में लंबे समय से टल रहे पंचायत समिति और जिला परिषद चुनावों को लेकर आखिरकार बड़ी घोषणा हो गई है। राज्य सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को बताया है कि 5 दिसंबर 2025 तक पूरी चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
लुधियाना के निवासी बेअंत कुमार किंगर ने पंजाब सरकार के खिलाफ एक याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि राज्य की 150 पंचायत समितियों और 21 जिला परिषदों का कार्यकाल बहुत पहले समाप्त हो चुका है, लेकिन सरकार ने अब तक चुनाव नहीं कराए हैं। उन्होंने अदालत से अपील की कि यह देरी संविधान के अनुच्छेद 243-ई (3) का उल्लंघन है, जिसमें साफ लिखा है कि पंचायतों का चुनाव उनके कार्यकाल खत्म होने से पहले या अधिकतम छह महीने के भीतर होना चाहिए।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश शील नागू ने राज्य सरकार से कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि चुनावों में देरी करना संवैधानिक नियमों के खिलाफ है। जज ने यह भी कहा कि अगर पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया है, तो सरकार को पहले से तैयारी करनी चाहिए थी ताकि चुनाव समय पर हो सकें।
राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस बार चुनाव में देरी का कारण पंजाब में आई बाढ़ है। सरकार का कहना है कि हालात सामान्य होने के बाद चुनाव की तैयारी तेज़ी से की जा रही है। हालांकि, याचिकाकर्ता ने दलील दी कि कई पंचायत समितियों और जिला परिषदों का कार्यकाल खत्म हुए एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है, जो लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
सरकार ने कोर्ट को आश्वासन दिया है कि 5 दिसंबर तक चुनाव प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी। अदालत ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि तय समय-सीमा का पालन ईमानदारी से किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि गांवों और जिलों के विकास के लिए चुने हुए जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी बेहद जरूरी है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई नवंबर के आखिरी हफ्ते में तय की है, जिसमें सरकार को चुनाव तैयारियों की पूरी रिपोर्ट पेश करनी होगी।