पंजाब में नशे के खिलाफ चल रही मुहिम के 161वें दिन पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान 2.2 किलोग्राम हेरोइन, 2.1 किलोग्राम अफीम बरामद की गई और 87 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
राज्य में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुरक्षा पुख्ता करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देश पर विशेष अभियान ‘ओपीएस सील-18’ चलाया गया। इसका मकसद था—सीमा पार से या बाहर जाने वाले सभी वाहनों की जांच करके असामाजिक तत्वों और नशा तस्करों को रोकना।
पुलिस महानिदेशक गौरव यादव के आदेश पर यह अभियान सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक चला। सीमावर्ती जिलों में एसएसपी को रणनीतिक जगहों पर नाके लगाने के निर्देश दिए गए। इन नाकों पर राजपत्रित अधिकारियों और एसएचओ की निगरानी में कड़ी चेकिंग की गई।
विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला ने बताया कि 600 से ज्यादा पुलिसकर्मी, इंस्पेक्टर और डीएसपी की देखरेख में 10 सीमावर्ती जिलों के 71 प्रवेश और निकास बिंदुओं पर नाके लगाए गए। इनमें पठानकोट, श्री मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, रूपनगर, एसएएस नगर, पटियाला, संगरूर, मानसा, होशियारपुर और बठिंडा शामिल थे।
अभियान के दौरान 2464 वाहनों की जांच की गई, जिनमें से 286 के चालान काटे गए और 9 वाहन जब्त किए गए। पुलिस ने 4 एफआईआर दर्ज कर 9 लोगों को गिरफ्तार किया।
नशा विरोधी कार्रवाई में, पुलिस ने 403 जगहों पर छापे मारे। पूरे राज्य में 57 एफआईआर दर्ज हुईं और 87 तस्कर पकड़े गए। पिछले 161 दिनों में अब तक 25,264 नशा तस्कर गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
अभियान में 79 वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में 1200 से अधिक पुलिसकर्मी और 180 टीमों ने काम किया। दिन भर में 433 संदिग्धों से पूछताछ हुई।
डीजीपी ने बताया कि पंजाब सरकार ने नशे के खात्मे के लिए तीन-स्तरीय रणनीति बनाई है—प्रवर्तन (Enforcement), नशामुक्ति (De-addiction) और रोकथाम (Prevention)। आज 54 लोगों को नशामुक्ति और पुनर्वास केंद्रों में इलाज के लिए भेजा गया।