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क्या है पंजाब का नया जमाबंदी पोर्टल, भगवंत मान ने किया लॉन्च; अब सब कुछ होगा ऑनलाइन

पंजाब में जमीन की खरीद-फरोख्त और रजिस्ट्री को लेकर लोगों को अब न तो पटवारियों के चक्कर लगाने पड़ेंगे और न ही किसी बाबू के सामने फाइलें दबानी होंगी. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य के लोगों को एक बड़ी राहत देते हुए 'ईजी जमाबंदी पोर्टल' की शुरुआत की है.

👤 Sagar 12 Jun 2025 01:46 PM

पंजाब में जमीन की खरीद-फरोख्त और रजिस्ट्री को लेकर लोगों को अब न तो पटवारियों के चक्कर लगाने पड़ेंगे और न ही किसी बाबू के सामने फाइलें दबानी होंगी. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य के लोगों को एक बड़ी राहत देते हुए 'ईजी जमाबंदी पोर्टल' की शुरुआत की है. इस डिजिटल पोर्टल के जरिए अब जमीन से जुड़ी सभी सेवाएं- जैसे फर्द, इंतकाल, और रजिस्ट्री, एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी.

मुख्यमंत्री ने कहा, 'अब कोई भी सरकारी कर्मचारी आपको ‘ऊपर से आदेश है’ कहकर डराने या चक्कर कटवाने की हिम्मत नहीं कर पाएगा. इस पोर्टल के जरिये अब खरीदार और विक्रेता दोनों को रजिस्ट्री के लिए एक ड्राफ्टेड पेपर मिलेगा, जिसे वे खुद भी भर सकते हैं या सेवा केंद्र से मदद ले सकते हैं.

अब तहसील के रिकॉर्ड खुद बताएंगे कौन अफसर ठीक है, कौन नहीं

मान ने बताया कि अब यह देखा जाएगा कि किस तहसील में सबसे ज्यादा रजिस्ट्रियों का काम हो रहा है. इससे यह पता चल जाएगा कि वहां का अफसर या तहसीलदार जनता के साथ कैसा व्यवहार कर रहा है. वहीं जिनके पास काम कम होगा, वह खुद समझ लें कि लोग उन्हें पसंद नहीं कर रहे.

अगस्त से पटवार खाना भी होगा ऑनलाइन

मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि अगस्त 2025 तक पटवार खाना पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा और उसका सारा काम भी ऑनलाइन कर दिया जाएगा. अब फर्द निकालने से लेकर इंतकाल कराने तक की पूरी प्रक्रिया मोबाइल या कंप्यूटर से घर बैठे हो सकेगी.

NRI को भी नहीं आना पड़ेगा भारत

जो एनआरआई (विदेश में रहने वाले पंजाबी) जमीन से जुड़े कामों के लिए भारत आने को मजबूर थे, उनके लिए भी अब राहत है। अब वे ऑनलाइन इंतकाल करवा सकेंगे और उन्हें काम के लिए छुट्टी लेकर भारत नहीं आना पड़ेगा.

बिजली और सड़कें भी सुधर रही हैं

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि किसानों को अब पर्याप्त बिजली मिल रही है, जिससे अब एक दिन में खेत भर जाते हैं और धान की रोपाई समय से शुरू हो जाती है. वहीं 19000 किलोमीटर सड़कों के निर्माण के लिए बजट पास हो चुका है और ठेकेदारों को सख्त चेतावनी दी गई है, घटिया मटेरियल का इस्तेमाल किया तो जीवनभर टेंडर नहीं मिलेगा. मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा 'अब फैसले किसी दफ्तर में नहीं होंगे, फैसले होंगे आपकी सहमति से। चाहे वो पंचायत का काम हो या किसी गांव की योजना, सरपंच से पूछकर ही होगा.