पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के बीच इन दिनों विवाद चल रहा है। इसका कारण है BBMB परियोजनाओं में CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) की तैनाती, जिसका भगवंत मान सरकार ने खुलकर विरोध किया।
अब इस विरोध का असर दिखने लगा है। AAP Punjab ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी है कि BBMB ने CISF कर्मचारियों को आवास देने का फैसला रद्द कर दिया है। इससे मान सरकार को बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।
BBMB की नांगल टाउनशिप में 296 CISF जवानों की तैनाती और उनके लिए आवास बनाए जाने की योजना थी।
लेकिन पंजाब सरकार ने इस पर सख्त आपत्ति जताई और कहा कि बांध और टाउनशिप की सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस पूरी तरह सक्षम है।
मान सरकार ने BBMB को CISF तैनाती के लिए बजट देने से भी इंकार कर दिया।
बता दें कि BBMB में पंजाब सरकार की 52% हिस्सेदारी है और वह बोर्ड को फंड देती है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले ही आदेश जारी कर CISF को पंजाब व हिमाचल पुलिस की जगह BBMB में तैनात करने की मंजूरी दी थी। इसका मकसद था बांध और टाउनशिप की सुरक्षा को और मजबूत करना।
लेकिन भगवंत मान सरकार ने इस फैसले को राज्य अधिकारों में हस्तक्षेप माना और उसका कड़ा विरोध किया। अब BBMB ने CISF के लिए आवासीय सुविधा नहीं देने का निर्णय लिया है, जिसे मान सरकार की जीत के तौर पर देखा जा रहा है।
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ को पानी और बिजली की आपूर्ति करने वाली संस्था है। इसकी परियोजनाएं बेहद महत्वपूर्ण हैं और इसी के चलते सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विवाद हुआ।